G-20 में स्थापित हो सकता है वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन : सूत्र

नई दिल्ली: वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) स्थापित करने के भारत के प्रस्ताव पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा हो सकती है। सूत्रों ने संकेत दिया है कि ऊर्जा उपयोग बदलाव में सहयोग के लिए शनिवार को नया समूह स्थापित किया जा सकता है।,भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है और यह.

नई दिल्ली: वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) स्थापित करने के भारत के प्रस्ताव पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा हो सकती है। सूत्रों ने संकेत दिया है कि ऊर्जा उपयोग बदलाव में सहयोग के लिए शनिवार को नया समूह स्थापित किया जा सकता है।,भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है और यह अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान जीबीए को बढ़ावा देना चाहता है।
जीबीए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) जैसा प्रतीत होता है, जिसकी अगुआई 2015 में भारत और फ्रांस ने स्वच्छ और किफायती सौर ऊर्जा को सभी की पहुंच में लाने के लिए की गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी महीने पीटीआई-भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार के दौरान बताया था कि 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह के सदस्यों के बीच जैव ईंधन पर वैश्विक गठबंधन के लिए भारत का प्रस्ताव वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के समर्थन में स्थायी जैव ईंधन उपयोग में तेजी लाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा था, ह्लऐसे गठबंधनों का उद्देशय़ विकासशील देशों के लिए अपने ऊर्जा उपयोग बदलाव को बढ़ाने के लिए विकल्प तैयार करना है। मोदी ने कहा था, ह्लजैव ईंधन चक्रीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। बाज़ार, व्यापार, प्रौद्योगिकी और नीति – अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के सभी पहलू ऐसे अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण हैं। जैव ईंधन ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्नेत है जो बायोमास से प्राप्त होता है। भारत अपनी 85 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। भारत धीरे-धीरे फसल के ठूंठ, पौधों के अपशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट सहित वस्तुओं से ईंधन का उत्पादन करने की क्षमता का निर्माण कर रहा है।
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