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भारत का इस्पात उत्पादन 2023 की पहली छमाही में पांच प्रतिशत बढ़ा: स्टिलमित

नयी दिल्ली: भारत ने कैलेंडर साल 2023 की पहली छमाही (जनवरी- जून) में 6.61 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है। शोध फर्म स्टीलंमट के अनुसार, यही रुझान साल की दूसरी छमाही में भी रहने की संभावना है।कंपनी ने बताया कि.

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नयी दिल्ली: भारत ने कैलेंडर साल 2023 की पहली छमाही (जनवरी- जून) में 6.61 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है। शोध फर्म स्टीलंमट के अनुसार, यही रुझान साल की दूसरी छमाही में भी रहने की संभावना है।कंपनी ने बताया कि घरेलू उद्योग ने 2022 की समान अवधि में 6.3 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया था।

उसने कहा कि उत्पादन में वृद्धि मुख्य रूप से क्षमता के बेहतर उपयोग के साथ-साथ प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा क्षमता बढ़ाने के कारण हुई है। स्टीलंमट के अनुसार, इनसे 2023 की दूसरी तिमाही में भी उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा मिलता रहेगा।उसने कहा कि पहली छमाही में घरेलू स्तर पर इस्पात की खपत भी सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5.84 करोड़ टन पर पहुंच गई, जो 2022 की पहली छमाही में 5.27 करोड़ टन थी।

इस्पात के निर्यात में जनवरी से जून तक 30 प्रतिशत गिरावट आई क्योंकि चीन ने इस्पात का निर्यात बढ़ा दिया है।स्टीलंमट ने कहा, भारत का इस्पात निर्यात 2022 की पहली छमाही में दर्ज 67 लाख टन से घटकर 2023 की पहली छमाही में 47.4 लाख टन रह गया। निर्यात में गिरावट का कारण मुख्य रूप से चीन से सस्ती उपलब्धता और पारंपरिक आयात बाजारों की कमजोर मांग थी। भारत इस्पात उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।

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