हेरात: श्चिमी अफगानिस्तान में शनिवार को आये शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या दो हजार से अधिक हो गयी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। तालिबान सरकार ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी। अफगानिस्तान में कल आए भूकंप की तीव्रता 6.3 थी, जिसने हेरात शहर के समीप कम से कम 12 गांवों को तबाह कर दिया। भूकंप के बाद कई शक्तिशाली झटके भी लगे।
राहत और बचाव दल पूरी रात मलबे में फंसे जीवित लोगों को खोजने में लगे रहे और यह काम लगातार जारी है। इस प्राकृतिक आपदा में हजारों लोग घायल हुए हैं। अपर्याप्त चिकित्सा सुविधा वाले देश में, अस्पतालों को घायलों के इलाज में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने आपातकालीन आपूर्ति तेज कर दी है।
भूकंप हेरात से लगबग 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थानीय समयानुसार शनिवार सुबह लगभग 11 बजे (06:30 जीएमटी) आया। तालिबान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री त्रादसी से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए हेरात का दौरा कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कम से कम 465 घर तबाह हो गए हैं।
हेरात ईरान की सीमा से 120 किमी (75 मील) पूर्व में स्थित है और इसे अफगानिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। अनुमान है कि इस प्रांत में 19 लाख लोग रहते हैं। अफगानिस्तान में प्राय: भूकंप आता है, विशेष रूप से हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला में क्योंकि यह यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के समीप स्थित है। पिछले वर्ष जून में पक्तिका प्रांत में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।