गरीबी उन्मूलन में चीन का अनुभव

गरीबी समस्या पर ध्यान बढ़ाने के लिए 47वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 1992 को, हर साल 17 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में तय किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विभिन्न सदस्य देशों से दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन के लिए कारगर कदम उठाने की अपील की। गरीबी समस्या अब दुनिया.

गरीबी समस्या पर ध्यान बढ़ाने के लिए 47वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 1992 को, हर साल 17 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में तय किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विभिन्न सदस्य देशों से दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन के लिए कारगर कदम उठाने की अपील की। गरीबी समस्या अब दुनिया में मौजूद सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार पूरी दुनिया में गरीबी उन्मूलन में प्रगति हुई, लेकिन गरीब लोगों की संख्या कम करने और स्वास्थ्य स्थिति सुधारने में फिर भी प्रयास करने की जरूरत है।

दुनिया में अभी भी 1 अरब से अधिक आबादी अत्यधिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताती है। 85 करोड़ 20 लाख लोग भूखमरी के शिकार हैं। हर साल करीब 50 लाख बच्चे भूख और कुपोषण से मारे गए हैं। पूरी दुनिया में 60 करोड़ लोग स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक वाले वातावरण में रहते हैं। 1 अरब 10 करोड़ लोगों को सुरक्षित पेयजल की पहुंच नहीं है। 2 अरब 60 करोड़ लोगों के लिए बुनियादी स्वच्छता का अभाव है।

विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में बड़ा असंतुलन मौजूद है। गरीबी उन्मूलन में एशिया ने बड़ी प्रगति की है। चीन ने सबसे ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य प्राप्त किया है। चीन में सुधार और खुलेद्वार की नीति लागू होने के बाद, विशेषकर गत 80 के दशक में चीन ने बड़े पैमाने पर गरीबी उन्मूलन और विकास का कार्य शुरू किया। वर्ष 2012 में चीन में गरीबी उन्मूलन का अनुपात 10.2 प्रतिशत था। वर्ष 2013 के अंत तक चीन में करीब 10 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते थे।

वहीं वर्ष 2014 में चीन ने 60 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले। मानव जाति के गरीबी उन्मूलन कार्य में चीन ने बड़ा योगदान दिया है। वर्ष 2017 में चीन ने सटीकता से गरीबी उन्मूलन की ठोस योजना बनाई। फिर फरवरी 2021 में चीन ने संपूर्ण गरीबी खत्म करने की घोषणा की। यह दुनिया में एक चमत्कार है। विदेशी विद्वानों ने कहा कि चीन ने दुनिया को गरीबी उन्मूलन का रास्ता दिखाया है। सभी देश चीन के अनुभव से सीख सकते हैं। चीन ने सुंदर दुनिया के निर्माण में अपनी बुद्धिमत्ता का योगदान दिया है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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