विज्ञापन

इन चीजों के बिना अधूरी है करवा चौथ का व्रत, जानिए इस दिन क्या करना है आवश्यक

इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को आ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 सिंगार करती है और निर्जला व्रत रखती है। करवा चौथ व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ भगवान गणेश की पूजा भी करती.

- विज्ञापन -

इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को आ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 सिंगार करती है और निर्जला व्रत रखती है। करवा चौथ व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ भगवान गणेश की पूजा भी करती हैं। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। क्या आप जानते है कि कुछ चीज़ों के बिना करवा चौथ का व्रत बिलकुल अधूरा माना जाता है। आइए जानते है क्या है वो कुछ चीज़ें:

करवा चौथ के पूजन की थाली में किन-किन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. आइए जानते हैं काशी के जाने माने विद्वान और ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज से. करवा चौथ की थाली में मिट्टी या फिर पीतल का करवा जरूर होना चाहिए. इस करवे को चावल पीसकर उससे लेपन करना चाहिए. पूजा के लिए 2 करवा का होना जरूरी है. करवा के अलावा मिट्टी के तीन दीये भी होने चाहिए, जिसे जलाने के लिए कच्चे सूत और घी का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा करवा चौथ की थाली में छलनी का होना सबसे जरूरी है. इसी चलनी से व्रती महिलाएं चन्द्रमा का दीदार करती हैं.

उसके बाद अपने पति के दर्शन कर व्रत का पारण करती हैं. करवा पूजा की थाली में कांस की तीलियां भी होनी चाहिए. इन तीलियों को करवा में बने छेद में लगाया जाता है. इसके अलावा पूजा की थाली में सिंदूर,अक्षत और मिठाई भी रखना चाहिए. इसके अलावा इस थाली में चंद्रमा को अर्ध्य देने के लिए एक लोटा रखना चाहिए. उस लोटा से चन्द्रमा को अर्ध्य देने के बाद व्रती महिलाएं उसका जल पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं. इसके अलावा पूजा की थाली में डेलियां को भी जरूर शामिल करना चाहिए. यह डेलियां माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती हैं.

- विज्ञापन -

Latest News