नई दिल्ली: जिस तरह सरकार आपकी पहचान आधार नंबर या आइडेंटिफिकेशन नंबर के जरिये होती है, ठीक उसी तरह आप जिस गाड़ी को चलाते हैं उसके लिए भी एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर दी जाती है। यहां हम आपको कार के साथ मिलने वाले VIN नंबर के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आपकी गाड़ी की सभी जानकारी छुपी होती है। तो आइये जानते हैं यह कैसे आपके काम आएगी।
जब भी कोई कार बनती है, तो ऑटो कंपनियां उसमें व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर, यानी VIN नंबर जरूर देती हैं। ये 17 डिजिट का नंबर होता है, जो कार को दूसरे मॉडल और वैरिएंट से अलग पहचान दिलाता है। VIN नंबर कई तरह की स्थिति में कार ओनर की मदद करता है। इस नंबर को देने की सबसे बड़ी वजह किसी भी खास स्थिति में कार की पूरी डिटेल निकालने की सुविधा है।
यानी अगर कार दुर्घटना में पूरी तरह नष्ट हो जाए या उसे किसी भी आपराध में इस्तेमाल किया जाए तो उसके VIN नंबर से कार की मैन्युफैक्चरिंग और ओनरशिप सहित कई जानकारियां निकाली जा सकती हैं। यह नंबर कार के बूट, डैशबोर्ड, दरवाजे, पिछले पहिये, फ्रंट ग्रिल आदि जगहों में प्रिंट होता है।
इसके अलावा यह आपकी गाड़ी के आरसी, इंश्योरेंस पॉलिसी और डीलरशिप के पास भी होता है। VIN नंबर कार के चेसिस पर लिखा होता है और इस वजह से इसे चेसिस नंबर भी कहते हैं। ये यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर ढूंढने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।