शिमला (गजेंद्र) : प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी अपने विभाग को छोड़कर प्रदेश सरकार के हर विषय पर अपनी राय देने में माहिर है, यह बात प्रदेश प्रवक्ता चेतन सिंह बरागटा ने कहीं। उन्होंने कहा कि बीते सेब सीजन में बागवानी मंत्री ने पॉलिसी डिसिजन लिया कि बागवान पेटी में 24 किलो से उपर सेब नहीं बेच पाएगा। इस निर्णय को सरकार हिमाचल से बाहर तो छोड़ों हिमाचल प्रदेश की फल मंडियों में भी लागू न करवा पाई। बागवानी मंत्री ने पूरे सेब सीजन के दौरान बागवानों को कन्फ्यूज करके रखा। जनता के सामने इस बात को स्पष्ट करना चाहिए कि एमआईएस के तहत एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा खरीदे गए सेबों का भुगतान हो गया है या नही? बागवानी में प्रयोग होने वाले उपकरण पर जो सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती थी, क्या वो सरकार बागवानों को अभी भी दे रही है, ये सारी बाते जनता के समक्ष स्पष्ट होनी आवश्यक है।
इस वर्ष भारी वर्षा के कारण आई आपदा में बागवानों की फसल तबाह हो गई, कई लोगों के तो बागिचे ही उजड्ड गए। क्या उन लोगों को आपने मुआवजा दिया, अगर दिया तो कितना दिया। ये बागवानी मंत्री को बताना चाहिए, क्योंकि राजस्व विभाग भी उनके पास है। चेतन बरागटा ने कहा कि बागवानी मंत्री द्वारा आजकल एक और नेरेटिव जनता में फैलाया जा रहा है कि अगले सीजन में हम यूनिवर्सल कार्टन लाएगे।
बागवान जानना चाहता है कि क्या आपने कोरियेटिड मैनुफेकचर्ज (जो कम्पनियां कार्टन बनाती है ) से बात कर ली है तथा अन्य प्रदेश की सरकारों से इस विषय पर चर्चा की है। ताकि हिमाचल प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों की फल मंडियों में भी सेब बिना किसी परेशानी से सेब बिक सके। प्रदेश का बागवान ये बात बागवानी मंत्री से जानना चाहता है।