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मराठा आरक्षण आंदोलन : बीड में आगजनी में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, SIT करेंगे गठित : Devendra Fadnavis

नागपुरः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन के दौरान बीड जिले में हुई आगजनी की घटना की जांच के लिए दो दिन में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और उन्होंने संकल्प जताया कि इस हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति.

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नागपुरः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन के दौरान बीड जिले में हुई आगजनी की घटना की जांच के लिए दो दिन में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और उन्होंने संकल्प जताया कि इस हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। बीड जिले में हुई हिंसा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो विधायकों के घरों को भी जला दिया गया था।

नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन अक्टूबर के अंत में हिंसक हो गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मध्य महाराष्ट्र के बीड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों संदीप क्षीरसागर और प्रकाश सोलंके के घरों को आग लगा दी थी और सोलंके के घर में तोड़फोड़ भी की गई थी। फडणवीस राज्य के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि घटना में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। वह क्षीरसागर द्वारा उठाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।

फडणवीस ने कहा, कि ‘संदिग्ध व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए कार्रवाई योग्य सबूत उपलब्ध हैं। जांच (घटना के बाद शुरू की गई) में प्रगति हुई है, लेकिन मैं सदन की मंजूरी से एक एसआईटी का गठन करूंगा।’’ राकांपा (शरद पवार समूह) के विधायक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि पुलिस आगजनी करने वालों को रोकने के लिए हवा में गोली चला सकती थी। पाटिल ने कहा, ‘‘ एक आरोपी व्यक्ति का नाम पप्पू शिंदे है, लेकिन पुलिस ने उसे क्यों नहीं गिरफ्तार किया? क्यों स्थानीय पुलिस ने वैसे लोगों को गिरफ्तार नहीं किया, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है। कम से कम (स्थानीय पुलिस द्वारा) हवा में गोली चलाने से उनमें से कुछ को रोका जा सकता था।’’ इस पर फडणवीस ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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