जूनियर डॉक्टरों के वाकआउट के बीच पुलिस ने Korean Medical Association के कार्यालयों पर मारा छापा

देश के डॉक्टरों के सबसे बड़े समूह कोरियन मेडिकल एसोसिएशन (केएमए) के कुछ कार्यालयों पर पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी की।

सियोल: एसोसिएशन के नेताओं पर प्रशिक्षु डॉक्टरों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप है। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 20 फरवरी को हजारों इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने के बाद पुलिस की यह कार्रवाई प्रशिक्षु डॉक्टरों के काम पर लौटने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के एक दिन बाद हुई।

सियोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस एजेंसी के जांचकर्ताओं ने अधिकारियों के मोबाइल फोन और कंप्यूटर से सबूत सुरक्षित करने के लिए केएमए की आपातकालीन समिति और सियोल मेडिकल एसोसिएशन सहित कई कार्यालयों की तलाशी ली। मंगलवार को, स्वास्थ्य मंत्रालय ने केएमए की आपातकालीन समिति के प्रमुख किम ताएक-वू और

केएमए के पूर्व प्रमुख व कोरियाई बाल चिकित्सा सोसायटी के प्रमुख लिम ह्योन-ताएक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मंत्रालय ने उन पर प्रशिक्षु डॉक्टरों को सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए उकसाने का आरोप लगाया। अगले साल मेडिकल स्कूल प्रवेश कोटा में 2,000 सीटों की बढ़ोतरी की सरकार की योजना के विरोध में हजारों इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों ने पिछले सप्ताह मंगलवार से अस्पतालों में सेवा देने से इनकार कर दिया है।

सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को गुरुवार तक काम पर लौटने की समय सीमा तय की थी। ऐसा न करने पर उनके मेडिकल लाइसेंस के निलंबन की चेतावनी दी थी। इससे पहले, पुलिस ने यह चेतावनी दी थी कि अगर वॉकआउट के संबंध में डॉक्टर पुलिस की पूछताछ में शामिल नहीं होंगे, तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा।

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