नई दिल्ली : गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम और विटामिनडी का सेवन प्रसव के दौरान और बाद में महिलाओं की हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों ने शनिवार को बताया कि गर्भावस्था से पहले और बाद में महिला की हड्डियों का स्वास्थ्य बदल सकता है, जब महिला गर्भवती होती है, तो भूर्ण के विकास के लिए उसके शरीर में कई बदलाव होते हैं। इससे हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करने वाला एस्ट्रोजन काफी कम हो जाता है।
विटामिन-डी की कमी और एनीमिया हड्डियों की क्षति में और बढ़ौतरी करते हैं। गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान भी उनकी देखभाल की जानी चाहिए। कैल्शियम और विटामिन-डी के अपर्याप्त स्तर वाली कुछ महिलाओं को गर्भावस्था से संबंधित ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने की संभावना होती है। हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन इन महिलाओं को आमतौर पर बच्चे के जन्म के दौरान या प्रसव के आठ से 12 सप्ताह बाद हड्डियों में फ्रैक्चर का अनुभव होता है।
पुणे के खरादी स्थित मणिपाल अस्पताल के ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट विनय कुमार गौतम ने आईएएनएस को बताया कि गर्भावस्था में कैल्शियम महत्वपूर्ण है। प्रोजेस्टेरोन और अन्य हार्मोनों के असंतुलन के कारण गर्भावस्था एक अत्यधिक चयापचय अवस्था होती है। मां और बच्चे के लिए कैल्शियम की जरूरत ज्यादा होती है, लेकिन किसी भी तरह के ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए हमें कैल्शियम के सेवन पर ध्यान देना चाहिए। अगर कैल्शियम कम है तो हम विटामिन डी-3 भी शामिल करते है।