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मणिपुर पहुंचे राहुल गांधी, राहत शिविरों में हिंसा प्रभावितों से मिले

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में राहत शिविरों

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इंफाल: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की। राज्य में पिछले साल मई में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी। इसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ पहुंचे गांधी ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। कांग्रेस द्वारा राज्य की दोनों लोकसभा सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी पहली बार यहां आए हैं।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हिंसा के बाद मणिपुर की उनकी (राहुल गांधी की) तीसरी यात्र लोगों के मुद्दों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’ पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के कुछ हफ्ते बाद गांधी ने पहली बार मणिपुर का दौरा किया था। उन्होंने जनवरी 2024 में राज्य से अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्र’ भी शुरू की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सबसे पहले जिरीबाम उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थापित राहत शिविर का दौरा किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने पत्रकारों को बताया कि जिरीबाम के लोगों ने गांधी को अपने अनुभवों के बारे में बताया।

मेघचंद्र ने कहा, ‘उन्होंने यह भी पूछा कि उन्हें किस चीज की जरूरत है। एक लड़की ने राहुल गांधी से कहा कि न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री उनसे मिलने आए हैं। उसने गांधी से यह मामला संसद में उठाने का भी आग्रह किया।’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिरीबाम में हजारों की संख्या में लोग गांधी का स्वागत करने आए और उनमें से कई लोग उनसे बात करते हुए रो पड़े। जिरीबाम से गांधी असम के सिलचर होते हुए इंफाल हवाई अड्डे पहुंचे और सड़क मार्ग से चुराचांदपुर जिले के तुइबोंग गांव में एक राहत शिविर में पहुंचे। वहां भी गांधी ने लोगों से बातचीत की।

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