काठमांडू: चौथी बार केपी शर्मा ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। ओली (72) पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाये। के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। वह एक नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी।
ओली (72) पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाये। इसकी वजह से ओली के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष के पी.शर्मा ओली को बधाई दी और दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा परस्पर सहयोग को और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।
Congratulations @kpsharmaoli on your appointment as the Prime Minister of Nepal. Look forward to working closely to further strengthen the deep bonds of friendship between our two countries and to further expand our mutually beneficial cooperation for the progress and prosperity…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति पर केपी शर्मा ओली को बधाई।” उन्होंने कहा, “हम दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा हमारी जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए परस्पर लाभकारी सहयोग को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।”
ओली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने। राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल ने ओली को शपथ दिलाई। ओली को अब नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा। ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी। यह चौथी बार है जब ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
इस दौरान नयी दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे।इसके बाद वह तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की वजह से 13 मई 2021 से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे। बाद में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है। नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं।