Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rocket domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114
शादी के बाद सेक्स जैविक प्रक्रिया नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक जुड़ाव का प्रतीक, जानिए विशेषज्ञों की राय - Dainik Savera Times | Hindi News Portal
विज्ञापन

शादी के बाद सेक्स जैविक प्रक्रिया नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक जुड़ाव का प्रतीक, जानिए विशेषज्ञों की राय

Relationship Tips: विवाहिक जीवन के बाद कई नए पहलू जुड़ जाते हैं, जिसमें शारीरिक, संबंधों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नवविवाहित जोड़ों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि शादी के बाद कितने दिनों तक रोजाना सेक्स करना चाहिए, और क्या यह उनके रिश्ते की मजबूती के लिए आवश्यक है? शारीरिक और मानसिक.

- विज्ञापन -

Relationship Tips: विवाहिक जीवन के बाद कई नए पहलू जुड़ जाते हैं, जिसमें शारीरिक, संबंधों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नवविवाहित जोड़ों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि शादी के बाद कितने दिनों तक रोजाना सेक्स करना चाहिए, और क्या यह उनके रिश्ते की मजबूती के लिए आवश्यक है?

शारीरिक और मानसिक जुड़ाव
शारीरिक संबंध सिर्फ एक जैविक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक और मानसिक जुड़ाव का भी प्रतीक है। विशेषज्ञों के अनुसार, शादी के शुरुआती दिनों में शारीरिक संबंध बनाना दोनों पार्टनर्स के बीच इमोशनल बांड को मजबूत करता है।

कोई तय सीमा नहीं
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शारीरिक संबंधों के लिए कोई तय सीमा नहीं है। हर जोड़ा अलग होता है, और उनके रिश्ते की डिमांड्स भी अलग हो सकती हैं। कुछ जोड़े अपने हनीमून फेज़ में रोजाना सेक्स करते हैं, जबकि अन्य इसके लिए सहजता से समय लेते हैं।

स्वास्थ्य और आपसी समझ
डॉक्टर्स और सेक्सोलॉजिस्ट्स के अनुसार, शारीरिक संबंधों का आनंद तब ही लिया जाना चाहिए जब दोनों पार्टनर्स इसके लिए पूरी तरह से तैयार और इच्छुक हों। यह किसी भी दबाव या सामाजिक मानकों के बजाय आपसी समझ और सहमति पर आधारित होना चाहिए। स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि किसी तरह का तनाव या असहजता न हो।

खुशहाल रिश्ते का सूत्र
एक खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए सिर्फ शारीरिक संबंध ही नहीं, बल्कि आपसी संवाद, विश्वास, और समर्थन भी महत्वपूर्ण है। शादी के बाद शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं होनी चाहिए।

अंततः, यह कहना सही होगा कि शादी के बाद कितने दिनों तक और कितनी बार सेक्स करना चाहिए, यह पूरी तरह से व्यक्तिगत है। सबसे अहम बात यह है कि दोनों पार्टनर्स इसके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हों, और इस अनुभव का भरपूर आनंद ले सकें।

Latest News