बठिंडा: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 14 अगस्त को पद से हटाए गए पूर्व मेयर रमन गोयल की याचिका खारिज होने के बाद बठिंडा नगर निगम के नए मेयर के चुनाव की प्रक्रि या शुरू हो गई है। नगर निगम कमिश्नर राहुल सिद्धू ने नगर निगम में नए मेयर का चुनाव कराने के लिए प्रक्रि या शुरू करवान के संबंध में पंजाब सरकार व स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखा है। कमिश्नर राहुल सिंधु ने कहा कि नगर निगम मेयर के संबंध में हाईकोर्ट की तरफ से अंतिम फैसला देने के बाद इस बाबत संविधानिक प्रक्रि या के तहत नए मेयर का चयन करवाया जाना है इस बाबत उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर बनती प्रक्रि या शुरू करवाने के लिए कहा है। नियम के मुताबिक पद रिक्त होने के एक महीने के अंदर मेयर का चुनाव कराना होता है। कमिश्नर के पत्र के बाद अब अंतिम फैसला पंजाब सरकार की तरफ से लिया जाना है। 50 पार्षदों वाले नगर निगम सदन में नए मेयर के चुनाव के लिए 26 पार्षदों का समर्थन होना जरूरी है।
दूसरी तरफ सदन में कांग्रेस के पास बहुमत है, लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी के पार्षदों में एकजुटता नहीं होने के चलते वह कई गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में हुए उलटफेर के दौरान आधा दर्जन कौसलर आम आदमी पार्टी में चले गए हैं, जबकि सात पार्षद मनप्रीत के समर्थक माने जाते हैं। यही नहीं इसमें आधा दरजन कौसलर अकाली दल के पक्ष में खड़े हैं। इस तरह से करीब 30 पार्षद कांग्रेस के साथ होने का दावा कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस का मेयर बनना तय माना जा रहा है। कांग्रेस में भी मेयर पद के कई दावेदार है इसमें अगर किसी एक के लिए आम सहमती नहीं बनती है तो प्रदेश हाईकमान मामले में हस्तक्षेप कर सकता है लेकिन इस स्थिति में कांग्रेस में ही मेयर दावेदार पद नहीं मिलने पर दूसरे पक्ष को समर्थन दे सकते हैं।
फिलहाल इस पूरे मामले में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की बड़ी भूमिका होगी, जिन्होंने मनप्रीत बादल की हिमायती रही मेयर को पद से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी। वही राजा विडंग नगर निगम चुनावों के दौरान मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से की गई गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं। पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने चुनाव के बाद नगर निगम में कांग्रेस की वरिष्ठता सूची को दरिकनार कर रमन गोयल को मेयर बनाया था जो पहली बार पार्षद का चुनाव लड़कर जीती थी। इसके चलते कांग्रेस में ही बगावती तेवर शुरू हो गए थे। पार्षदों की नराजगी राज्य में कांग्रेस सरकार की विदायगी के साथ ही खुलकर बगावती तेवर में तबदील हो गई व उन्होंने अपनी ही पार्टी के मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर तख्ता पलट कर दिया था। इस दौरान कांग्रेस भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी। इस स्थिति में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नगर निगम में सर्वमान्य व वरिष्ठ कांग्रेसी को मेयर पद का उम्मीदवार बनाने के लिए स्थानीय नेताओं से बात भी कर रहे हैं।
फिलहाल मेयर पद के दावेदारों की बात करें तो करीब आधा दर्जन नाम सामने आ रहे हैं. लेकिन इनमें से कौन कुर्सी हासिल करने में सफल होगा यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा। गौरतलब है कि बठिंडा नगर निगम के पहले मेयर बनने का गौरव हासिल करने वाले रमन गोयल को 15 नवंबर 2023 को पार्षदों ने सर्वसम्मति से अविश्वास प्रस्ताव पारित कर गद्दी से हटा दिया था। हालांकि इस प्रस्ताव के खिलाफ वह हाई कोर्ट गए, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली. जिसके बाद दोबारा मेयर का चुनाव होना तय है। यहां यह भी बता दें कि बठिंडा नगर निगम सदन का कार्यकाल अभी अप्रैल 2026 तक है।