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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114जालंधर। प्रवर्तन निदेशालय (ED ने पंजाब में कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के कथित करीबी सहयोगी राजदीप सिंह को निविदा ‘‘घोटाले’’ से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। जिसके बाद ईडी ने राजदीप को गिरफ्तारी के बाद जालंधर की अदालत में पेश किया जहां पर जज ने राजदीप को पांच दिन के रिमांड पर ईडी की कस्टडी में भेज दिया। राजदीप का रिमांड 9 सितंबर को खत्म होगा। इसी बीच यह भी पता चला है कि कोर्ट ने इसी मामले में पहले से गिरफ्तार पूर्व कांग्रेस मंत्री भारत भूषण आशू की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा है। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने बुधवार को खन्ना जिले सहित राज्य में सिंह के चार व्यावसायिक और आवासीय परिसरों में दिनभर तलाशी ली जिसके बाद रात को उन्हें हिरासत में लिया गया। यह गिरफ्तारी टेंडर घोटाले के मामले में हुई है। राजदीप सिंह पेशे से कमीशन एजेंट है और वह कई नेताओं के खासमखास बताए जाते हैं।
इस मामले में संघीय एजेंसी ने एक अगस्त को आशु को गिरफ्तार किया था। आशु पंजाब के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पूर्व मंत्री तथा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वह राज्य विधानसभा में लुधियाना (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। धन शोधन की जांच पंजाब खाद्य विभाग में एक निविदा ‘‘घोटाले’’ के संबंध में पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी से संबद्ध है। इस मामले में पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने आशु को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया था।
इसके एक साल बाद अगस्त 2023 में, ईडी ने आशु, ‘लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट’ के पूर्व अध्यक्ष रमन बालासुब्रमण्यम और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की। आशु की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री ने कई फर्जी संस्थाओं के माध्यम से ‘‘अपराध की आय’’ अर्जित की और अपने तथा अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। कांग्रेस ने आशु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘‘प्रतिशोध’’ की राजनीति करार दिया था।