टीम के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं: Harmanpreet

नई दिल्ली: एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाले भारतीय टीम के करिश्मायी कप्तान हरमनप्रीत का मानना है कि उनके इस सम्मान में पूरी टीम का योगदान है क्योंकि बगैर टीम के समर्थन के कुछ भी संभव नहीं था। एफआईएच हॉकी प्रो लीग और पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन.

नई दिल्ली: एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाले भारतीय टीम के करिश्मायी कप्तान हरमनप्रीत का मानना है कि उनके इस सम्मान में पूरी टीम का योगदान है क्योंकि बगैर टीम के समर्थन के कुछ भी संभव नहीं था।

एफआईएच हॉकी प्रो लीग और पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि टीम ने पूर्व में उन पर जो भरोसा दिखाया , वह उसका बदला चुकाने को तैयार थे। साथी खिलाड़यिों के बीच सरपंच के नाम से विख्यात 28 वर्षीय डिफेंडर ने पहले 2020-21 और 2021-22 में प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है।

उन्होने कहा ‘‘एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए फिर से नामांकित होना एक बड़ा सम्मान है। मैं दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़यिों में अपना नाम शामिल होने से बहुत खुश हूँ, लेकिन मैं यह स्वीकार करना चाहूँगा कि यह मेरी टीम के समर्थन के बिना संभव नहीं होता। एफआईएच हॉकी प्रो लीग और पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में मैंने जो भी गोल किए हैं, वे इसलिए हैं क्योंकि टीम ने मेरे लिए गोल करने के मौके बनाए हैं।’’ टेस्ट मैचों, एफआईएच हॉकी प्रो समेत 2024 में आयोजित सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों को ध्यान में रखते हुए हरमनप्रीत को नीदरलैंड के थिएरी ब्रिंकमैन , जोएप डी मोल , जर्मनी के हेंस मुलर और इंग्लैंड के ज़ैक वालेस के साथ नामांकित किया गया है।

हरमनप्रीत ने एफआईएच हॉकी नेशंस कप, एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर और ओलंपिक गेम्स पेरिस 2024 में अपनी शानदार रक्षा और पेनल्टी कॉर्नर पर उत्कृष्ट गोल स्कोरिंग के साथ भारतीय टीम को कांस्य पदक दिलाया है। उन्होंने ओलंपिक में आठ मैचों में 10 गोल किए, जिनमें से सात गोल पेनल्टी कॉर्नर से आए और बाकी तीन गोल पेनल्टी स्ट्रोक थे।

उन्होने कहा ‘‘ओलंपिक गेम्स पेरिस 2024 न केवल वर्ष का मुख्य आकर्षण था, बल्कि मेरे अब तक के पूरे करियर का मुख्य आकर्षण था। टीम ने हमेशा मेरा समर्थन किया है, खासकर पिछले साल विश्व कप के दौरान जहां मैं पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर सका। लेकिन टीम ने मुझे किसी भी तरह से निराश होने या खुद को दोष देने नहीं दिया और जबकि ओलंपिक में प्रदर्शन करने और पदक के साथ वापस आने के कई कारण थे, उनमें से एक था कि टीम ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मेरे दिमाग में हमेशा यह बात रहती थी कि मुझे इसका बदला चुकाना होगा। ओलंपिक खेलों के बाद थोड़ी राहत के साथ, हरमनप्रीत ने चीन के मोकी में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 पर अपनी नजरें जमा लीं। एक बार फिर उदाहरण पेश करते हुए टीम का नेतृत्व करते हुए, उन्होंने सात मैचों में सात गोल किए और उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। हरमनप्रीत देश के लिए 226 मैचों में 205 गोल करके खेल के शिखर पर रहे हैं। यह उपलब्धि केवल खेल के दिग्गज मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह सीनियर ने ही हासिल की है।

उन्होने कहा ‘‘मेरे जीवन का उद्देश्य पुराने गौरवशाली दिनों को वापस लाना है। हम इस सपने को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन हम इसे अपने दम पर नहीं कर सकते; हमें अपने प्रशंसकों के समर्थन की जरूरत है। जैसा कि टीम अगले ओलंपिक चक्र के लिए तैयारी कर रही है, मैं भारतीयों से खेल देखने और हमारा समर्थन करने का आग्रह करता हूं।

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