शिमला पुलिस का दावा, अधिकतर प्रवासियों के AADHAAR और पहचान पत्र पाए गए सही

संदेह के जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। जांच शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में व्यापार मंडल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शुरू हुई थी।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच शिमला पुलिस ने दावा किया है कि उसने प्रवासियों के पहचान पत्रों की जांच की है। जांच करने के बाद पाया कि प्रवासियों के अधिकांश पहचान पत्र, खास तौर पर आधार कार्ड, वैध हैं। स्थानीय निवासियों द्वारा प्रवासियों के आधार कार्ड की प्रामाणिकता के बारे में उठाए गए।

संदेह के जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। जांच शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में व्यापार मंडल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शुरू हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गुम्मा में एक विशेष समुदाय के कई प्रवासियों के आधार कार्ड पर एक ही जन्मतिथि है, जिससे जालसाजी का संदेह पैदा होता है। हालांकि, पुलिस ने गहन जांच करने के बाद पाया कि एक ही जन्मतिथि वाले आधार कार्ड असली थे। उन्होंने पुष्टि की कि सभी 75 प्रवासियों के आधार कार्ड वैध पाए गए।

शिकायत मिलने के बाद जब पुलिस ने लोकमित्र केंद्रों पर जाकर जांच की तो सभी आधार कार्ड सही पाए गए। पुलिस के अनुसार, आधार कार्ड में अंकित उसी दिन की तिथि यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की तकनीकी खराबी के कारण दर्ज हो गई है। शिमला पुलिस ने इस मामले में यूआईडीएआई से भी बात की है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2010 में जब आधार कार्ड बनने शुरू हुए थे, तब जन्म प्रमाण पत्र में दिक्कत आ रही थी।

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