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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस आधार पर मांगी आरोपियों की रिमांड

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए दो आरोपियों में से एक को 21 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि दूसरे आरोपी धर्मराज बालिग है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए उसकी चिकित्सा

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए दो आरोपियों में से एक को 21 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि दूसरे आरोपी धर्मराज बालिग है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए उसकी चिकित्सा जांच होगी। इस मामले में जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी की रिमांड की मांग करते हुए कोर्ट के सामने कई कारण बताए हैं।

क्राइम ब्रांच ने आरोपी के रिमांड की मांग करते हुए अदालत को बताया कि बाबा सिद्दीकी एक राजनीतिक व्यक्ति थे और उनकी हत्या किस मकसद से की गई है इसका पता लगाना जरूरी है। यह भी जानना जरूरी है कि इस हत्याकांड के पीछे कौन लोग शामिल हैं। घटना को अंजाम देने के लिए हथियार कहां से लिए गए और 28 राउंड कारतूस, दो पिस्टल तथा दो मैगजीन आरोपियों के पास क्यों थे, पुलिस यह जानने का भी प्रयास करेगी। साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि आरोपियों को मुंबई और पुणे में किसने मदद दी थी।

क्राइम ब्रांच की रिमांड कॉपी के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में दो आरोपी फरार हैं, जिनमें एक का नाम शिव कुमार और दूसरे का नाम जीशान है। रिमांड कॉपी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी गुरनैल बलजीत सिंह की उम्र 23 साल है। वह हरियाणा के कैथल जिले के नरड़ गांव का रहने वाला है। वहीं, दूसरे गिरफ्तार आरोपी धर्मराज राधे कश्यप की उम्र 19 साल है। वह उत्तर प्रदेश के बहराइच का रहने वाला है। शिवकुमार गौतम और मोहम्मद जीशान अख्तर की तलाश की जा रही है।

रिमांड कॉपी में दोनों की आधिकारिक गिरफ्तारी 13 अक्तूबर दोपहर डेढ़ बजे दिखाई गई है। बताया गया है कि इससे पहले उन्हें हिरासत में लिया गया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से दो पिस्टल मैगजीन, 28 जिंदा कारतूस, एक अन्य मैगजीन, चार मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने रिमांड कॉपी में बताया है कि बांद्रा ईस्ट के निर्मल नगर में एक बैठक के लिए गए बाबा सिद्दीकी के साथ उनके दो सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे, जबकि तीसरा सुरक्षाकर्मी उनके साथ नही था। हालांकि, तीसरा सुरक्षाकर्मी कहां था, इस बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। घटना के दिन दो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे, जबकि उन्हें तीन पुलिसकर्मियों की सुरक्षा मिली हुई थी। बैठक के बाद जैसे ही वह अपने घर के लिए निकले, हथियार बंद तीन अज्ञात लोगों ने फायरिंग कर दी। इस घटना में उनकी मौत हो गई।

इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (1), 109 और 125, 3 (5) तथा धारा 3, 5, 27, और 135 के तहत एफआईआर दर्ज की है। निर्मल नगर थाने में घटना के बाद फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुलाया गया था। इसके बाद घटनास्थल को सील किया गया और बाबा सिद्दीकी को तुरंत ही अस्पताल भेजा गया।

क्राइम ब्रांच को मामला सौंपने के बाद यूनिट-8 इसकी जांच कर रही थी, लेकिन आरोपियों को क्राइम ब्रांच यूनिट-3 के दफ्तर में लाकर पूछताछ की गई। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के परिवार को जानकारी दी गई। गुरनैल के दोनों भाई के फोन बंद थे, जिसके बाद उन्हें एसएमएस के जरिए बताया गया।

पुलिस ने रिमांड की मांग करते हुए कहा कि यह एक बेहद गंभीर अपराध है, जिसमे एक पूर्व मंत्री की गोली मारकर हत्या की गई है। उसकी पूरी जांच करनी है। दूसरी वजह यह है कि गिरफ्तार आरोपियों ने कई लोगों के साथ मिलकर प्लानिंग के तहत अपराध किया है। इस मामले में उनका साथी कौन-कौन है, इसकी भी जांच करना बाकी है।

तीसरी अहम बात यह है कि आरोपी ने जिस पिस्टल का इस्तेमाल घटना में किया गया है, वह कहां से लाई गई और उसे किसने डिलीवर किया है। जिस तरह से आरोपियों ने छह से सात राउंड अंधाधुंध फायरिंग की उसके बाद यह भी पता लगाना है कि उन्होंने हथियार चलाने की ट्रेनिंग कहां से ली।

पांचवी वजह यह है कि आरोपियों ने किसके इशारे पर वारदात को अंजाम दिया है। इसके अलावा यह भी पता लगाना है कि आरोपियों के पास से बरामद किए गए फोन का क्या इस्तेमाल हो रहा था।

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