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सबसे अधिक उम्र की भारतीय मरीज की घुटने की सफल रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई, स्वतंत्र चलने की इच्छा ने दिलाई नई जिंदगी

नई दिल्ली: फोर्टिस अस्पताल वसंत कुंज के चिकित्सकों ने 97 वर्षीया रेशम देवी के दोनों घुटनों की सफल टोटल रिप्लेसमेंट सर्जरी कर एक उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किया। देवी, जो गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित थीं और स्वतंत्र रूप से चलने-फिरने में असमर्थ थीं, अब बिना सहारे के चल पा रही हैं। ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. धनंजय गुप्ता.

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नई दिल्ली: फोर्टिस अस्पताल वसंत कुंज के चिकित्सकों ने 97 वर्षीया रेशम देवी के दोनों घुटनों की सफल टोटल रिप्लेसमेंट सर्जरी कर एक उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किया। देवी, जो गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित थीं और स्वतंत्र रूप से चलने-फिरने में असमर्थ थीं, अब बिना सहारे के चल पा रही हैं। ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. धनंजय गुप्ता के नेतृत्व में इस सर्जरी को अंजाम दिया गया, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों की टीम ने मिलकर उनकी सुरक्षित रिकवरी सुनिश्चित की।उनकी उम्र और मामले की जटिलता को देखते हुए डॉ. गुप्ता और उनकी टीम ने शुरू में एक घुटने को रिप्‍लेस कराने की सलाह दी और तीन महीने बाद दूसरे घुटने की रिप्‍लेसमेंट का विकल्प सुझाया। लेकिन देवी ने दोनों घुटनों की रिप्‍लेसमेंट सर्जरी एक साथ कराने की इच्छा व्यक्त की।

ब्‍लड, लिवर और किडनी की जांच तथा हृदय संबंधी जांच सहित एनेस्थीसिया-पूर्व गहन जांच के बाद, उन्‍हें दोनों सर्जरी एकसाथ कराने की मंजूरी दे दी। देवी, जो वृंदावन के एक आश्रम में पिछले 30 वर्षों से रह रही थीं, पिछले साल गिरने के बाद चलने-फिरने में और भी समस्याओं का सामना कर रही थीं। उनकी उम्र और जटिल शारीरिक स्थिति को देखते हुए, सर्जरी से पहले उन्हें छह महीने तक व्यापक फिजियोथेरेपी और आवश्यक सप्लीमेंट दिए गए। हालांकि, वह अपने रोजमर्रा के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर थीं, और उनकी दृढ़ इच्छा थी कि वे फिर से स्वतंत्र रूप से चल सकें। सर्जरी के बाद, देवी तेजी से स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं। उनकी यह कहानी प्रेरणादायक है और दर्शाती है कि उम्र इलाज के रास्ते में बाधा नहीं बननी चाहिए।

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