नयी दिल्ली: पेट्राेलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपलने को साकार करने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा तेल और गैस क्षेत्र की कंपनियां एआई और जनरेटिव एआई (जेनएआई) वास्तविक समय के डेटा और अंतर्दृष्टि का लाभ उठाकर परिचालन को अनुकूलित कर रहे हैं।
पुरी ने एनरिच 2024, केपीएमजी के वार्षिक नवाचार और ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऊर्जा क्षेत्र को बदलने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। “ऊर्जा के लिए एआई” थीम के साथ, मंत्री ने एआई और ऊर्जा के अभिसरण को समयोचित और परिवर्तनकारी बताया, जो उद्योग के भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई परिचालन में क्रांति लाएगा, दक्षता बढ़ाएगा और अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य की ओर बदलाव को गति देगा।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे एआई को उद्योगों में तेजी से अपनाया जा रहा है और यह 2047 तक प्रधानमंत्री के “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में सहायक होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियां परिचालन दक्षता बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार करने और कम कार्बन वाले भविष्य की ओर संक्रमण में योगदान देने के लिए एआई में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं।
पुरी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) भी विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा, संरक्षा और परिचालन दक्षता में सुधार करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) का उपयोग कर रहे हैं। मांग पूर्वानुमान, ग्राहक विश्लेषण और मूल्य निर्धारण विश्लेषण जैसे उन्नत उपकरणों के माध्यम से, एआई ऊर्जा क्षेत्र में समग्र ग्राहक अनुभव को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र में, संभावित हाइड्रोकार्बन भंडारों की पहचान करने के लिए जटिल भूकंपीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए डीप लर्निंग जैसे एआई-सक्षम तंत्र का उपयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि ड्रिलिंग जटिलताओं की एआई-आधारित भविष्यवाणी और ड्रिलिंग मापदंडों का वास्तविक समय अनुकूलन ड्रिलिंग दक्षता में सुधार और परिचालन लागत को कम करने में प्रभावी साबित हुआ है।