Brampton Temple Attack : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं पर हुए हमले की निंदा की हैं। मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले को खालिस्तानी समर्थकों ने अंजाम दिया है। ट्रूडो ने कहा कि देश में हिंसा अस्वीकार्य है। रविवार को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किया गया, जिससे काफी रोष फैल गया।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हर कनाडाई को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, कि ‘ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपनी आस्था को स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ निभाने का हक है।‘ उन्होंने साथ ही पील रीजनल पुलिस का समुदाय की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए धन्यवाद किया।
The acts of violence at the Hindu Sabha Mandir in Brampton today are unacceptable. Every Canadian has the right to practice their faith freely and safely.
Thank you to the Peel Regional Police for swiftly responding to protect the community and investigate this incident.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) November 3, 2024
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिव्रे ने भी इस हमले की निंदा करते हुए इसे ‘पूरी तरह अस्वीकार्य‘ बताया। पोइलिव्रे ने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी इस हमले की कड़ी निंदा करती है और वादा किया कि वह जनता को एकजुट करेंगे और इस अराजकता को खत्म करेंगे। पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला कर रहे हैं।उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि ‘इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि विविधता ही हमारी ताकत है।‘
कनाडा के हिंदू फोरम ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और प्रधानमंत्री ट्रूडो से खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की हैं। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, कि ‘यह अत्यधिक चिंता का विषय है! खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में भक्तों पर हमला किया है। यह अस्वीकार्य है।‘
कनाडा के संसद सदस्य चंद्र आर्या ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे एक ‘लाल रेखा का उल्लंघन‘ बताया। उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ बढ़ता जा रहा है और इससे निपटने के लिए हिंदू-कनाडाई समुदाय को जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। इस हमले के बाद हाल के वर्षों में हुई धार्मिक असहिष्णुता की घटनाओं की एक लंबी सूची में एक और घटना जुड़ गई है। जुलाई में चंद्र आर्या ने कनाडाई हिंदू समुदाय पर बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताई थी, जब एडमंटन के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ था।