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धामी ने अधिकारियों को चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्र शुरू करने के निर्देश दिए

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अधिकारियों को उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्र शुरू करने तथा श्रद्धालुओं को गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में रुकने पर 10 प्रतिशत छूट देने के निर्देश दिए। यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री.

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अधिकारियों को उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्र शुरू करने तथा श्रद्धालुओं को गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में रुकने पर 10 प्रतिशत छूट देने के निर्देश दिए।
यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्र शुरू करने के निर्देश देने के साथ ही अधिकारियों को इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए।

होटलों में रुकने पर किराये में 10 प्रतिशत की छूट
उन्होंने कहा कि शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जीएमवीएन के होटलों में रुकने पर किराये में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अगले सप्ताह शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्र व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे।
हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर में चार धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और यात्र का समापन हो जाता है। उसके बाद मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं की मूíतयों को उनके शीतकालीन प्रवास स्थल ले जाया जाता है जहां र्सिदयों में उनकी पूजा की जाती है।

46 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए
गंगोत्री मंदिर से मां गंगा की डोली को उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा लाया जाता है जबकि यमुनोत्री मंदिर से मां यमुना को खरसाली पहुंचा दिया जाता है। भगवान केदारनाथ को जहां उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में स्थापित किया जाता है, वहीं भगवान बदरीनाथ को उनके शीतकालीन प्रवास स्थल जोशीमठ के नरंसिह मंदिर में लाया जाता है।
अप्रैल-मई में दोबारा मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं।
छह माह के यात्र सत्र में देश विदेश के लाखों श्रद्धालु चार धामों के दर्शन के लिए आते हैं और इसे गढ़वाल की आर्थिक की रीढ़ माना जाता है। इस वर्ष भी करीब 46 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए।

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