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बंगलादेश सीमा अधिकारियों ने इस्कॉन सदस्यों को भारत में प्रवेश करने से रोका

Bangladesh Border Officials : बंगलादेश के अधिकारियों ने बेनापोल लैंड इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर कम से कम 54 संदिग्ध व्यक्तियों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। कोलकाता में इस्कॉन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंगलादेश ने 63 इस्कॉन ब्रह्मचारियों को भारत में.

Bangladesh Border Officials : बंगलादेश के अधिकारियों ने बेनापोल लैंड इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर कम से कम 54 संदिग्ध व्यक्तियों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया है।

एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। कोलकाता में इस्कॉन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंगलादेश ने 63 इस्कॉन ब्रह्मचारियों को भारत में प्रवेश करने से रोका है।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर देर शाम एक पोस्ट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी के 63 ब्रह्मचारियों को वैध भारतीय वीजा और अन्य दस्तावेजों के बावजूद भारत में प्रवेश करने से रोका गया।


उन्होंने कहा कि बंगलादेशी सीमा पुलिस ने कहा कि उन्हें बंगलादेशी खुफिया विभाग द्वारा 63 व्यक्तियों को भारत में प्रवेश न करने देने का निर्देश दिया गया था।

उन्होंने पोस्ट किया ‘‘बंगलादेश ने 63 इस्कॉन ब्रह्मचारियों को भारत में प्रवेश करने से रोका। उनके पास सभी वैध भारतीय वीजा और अन्य दस्तावेज थे। लेकिन बंगलादेशी सीमा पुलिस ने कहा कि बंगलादेशी खुफिया विभाग ने इन्हें भारत में प्रवेश करने से रोका है। उन्होंने हमारे चार ब्रह्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और अब अन्य ब्रह्मचारियों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। कृपया प्रार्थना करें। बांग्लादेशी हिन्दुओं को बचाएँ।‘‘

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दो दिनों में बेनापोल इमिग्रेशन अधिकारियों ने कम से कम 54 ‘संदिग्ध व्यक्तियों‘ को भारत जाने से रोक दिया है।

बेनापोल इमिग्रेशन चेक पोस्ट के प्रभारी इम्तियाज मोहम्मद अहसानुल कादर ने बांग्लादेश के एक निजी समाचार पत्र को बताया कि,‘‘इन्हें जाने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उनकी भारत यात्रा संदिग्ध लग रही थी।” रोके गए व्यक्तियों में से एक ने कहा कि उनमें से कई इस्कॉन के अनुयायी हैं।

सौरभ तपंदर चेली ने कहा,‘‘मैं एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए भारत जाने के लिए यहां आया था। मुझे इमिग्रेशन ने वापस भेज दिया। ’एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि वे एक धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए भारत जाना चाहते थे‘, लेकिन हमें बिना किसी कारण के आव्रजन से दूर कर दिया गया है।‘

यह घटनाक्रम बंगलादेश द्वारा हिन्दू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार करने के कुछ दिनों बाद हुआ है। जिसके कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय तनाव बढ़ गया है।

नयी दिल्ली ने ढाका से अल्पसंख्यक हिन्दू और अन्य समुदायों की सुरक्षा का ध्यान रखने को कहा है। चिन्मय दास की गिरफ़्तारी के बाद के दिनों में दो और हिन्दू भिक्षुओं रंगनाथ श्यामसुंदर दास ब्रह्मचारी और रुद्रपति केशव दास ब्रह्मचारी को बंगलादेश पुलिस ने पुंडरीक धाम से गिरफ़्तार किया। अब तक चार ब्रह्मचारी जेल में हैं। दो ब्रह्मचारी को तब गिरफ़्तार किया गया जब वे श्री चिन्मय कृष्ण दास को दवा और प्रसाद देने गए थे। चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ़्तार किया गया है।

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