Farmers March Delhi Today : नोएडा में पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस भी हाई अलर्ट मोड में आ गई है। क्योंकि शंभू बॉर्डर से भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की बात की है। नोएडा में बीते कुछ दिनों से लगातार चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने बॉर्डर पर सघन चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। क्योंकि बुधवार देर रात ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत के बाद धरने पर बैठे किसानों को पुलिस ने दोबारा उठाकर जेल भेज दिया है। इसके बाद से किसान नेताओं और किसानों में काफी ज्यादा रोष है। इस बीच, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया है। अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, कि ‘शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे।’’
दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर शुरू की चेकिंग
नोएडा से सटे दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग शुरू कर दी है। जिसकी वजह से वाहन चालकों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और जाम जैसी स्थिति बनी हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली कूच का आह्नान किया है। जिसको देखते हुए अलग-अलग किसान संगठन आज दिल्ली की तरफ रवाना हो सकते हैं। मथुरा, अलीगढ़ के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले हैं, जिनके किसान शुक्रवार को दिल्ली की तरफ रवाना हो सकते हैं। एमएसपी समेत कई मुद्दे भी हैं, जिनको लेकर किसान अपना विरोध प्रदर्शन जताना चाहते हैं। इसी के साथ मिली जानकारी के मुताबिक शंभू बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा शुरू हो चुका है और ये ऐलान किया गया है कि दोपहर एक बजे किसान दिल्ली कूच करेंगे। इसलिए हरियाणा पुलिस की तरफ से बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया गया है। इससे पहले भी कई महीनों तक शंभू बॉर्डर पर रास्ता पूरी तरीके से बंद रहा था और किसान लंबे समय तक वहां पर धरना प्रदर्शन करते रहे थे।
शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा मार्च : सरवन सिंह पंधेर
पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेगा। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कुछ मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। हरियाणा की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि मार्च ‘‘शांतिपूर्ण तरीके’’ से निकाला जाएगा। उन्होंने हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर रोक लगाए जाने की आलोचना की हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे। किसानों के अनुसार, उनके पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह करेंगे। यह जत्था अपने साथ केवल आवश्यक वस्तुएं ही लेकर जाएगा।
अंबाला जिला प्रशासन ने धारा 163 के तहत जारी किया आदेश
अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से किसी भी प्रकार का मार्च निकालने पर रोक लगा दी गई है। इस बीच, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया है। अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, कि ‘शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे।’’ राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शंभू बॉर्डर बिंदु – राजपुरा (पंजाब)-अंबाला (हरियाणा) पर पहले से ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाए गए हैं। शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है। अंबाला के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने 30 नवंबर के एक आदेश में बीएनएसएस की धारा 163 को लागू करते हुए पांच या अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और पैदल, वाहनों या किसी अन्य माध्यम से जुलूस निकालने पर रोक लगा दी। आदेश में कहा गया है, कि ऐसी आशंका है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पंजाब और हरियाणा से आएंगे और दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे, इसलिए बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञ लागू करने समेत सीमा बिंदुओं पर और जिले में उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि ऐसा कोई व्यक्ति आवागमन न कर सके जिसने पहले से इसके लिए स्वीकृति न ली हो।
हरियाणा सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी किया गया तैनात
हरियाणा की सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुर्निवचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया था। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।