No confidence Motion : नई दिल्ली । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर विपक्षी दलों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले मामले में एक बड़ी अपडेट सामने आई है। इस खबर से सभापति को राहत मिल सकती है। वहीं यह खबर विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें होती हैं। आइए जानते है इन शर्तों को विस्तार से…
अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी शर्तें
दरअसल, राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें होती हैं। इनमें सबसे अहम यह है कि 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी होता है। लेकिन शीत सत्र अब सिर्फ 10 दिन का बाकी है, यानी अब इस सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाना संभव नहीं हो पाएगा। इस कारण विपक्षी दलों को यह आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि यह अविश्वास प्रस्ताव केवल एक राजनीतिक स्टंट है, जिसका उद्देश्य सिर्फ सुर्खियां बटोरना है।
धनखड़ पर विपक्षी दलों का आरोप
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण बताया है कि उनका रवैया पक्षपाती है। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ हमेशा (BJP) का पक्ष लेते हैं और विपक्षी सांसदों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करते हैं।
राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए कुछ विशेष प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। इनमें मुख्य नियम इस प्रकार से हैं:
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं, जिनमें से:
इसके अलावा, कुछ छोटे दल जैसे AIADMK, YSRCP, और BJD का रुख अभी स्पष्ट नहीं है, जिसका असर अविश्वास प्रस्ताव की सफलता पर पड़ सकता है।
आपको बता दें कि सोमवार को ही खबर आई थी कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने मिलकर यह फैसला किया कि वे धनखड़ के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाएंगे। विपक्ष का दावा है कि इस प्रस्ताव पर 50 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए थे।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में विपक्ष को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि शीत सत्र में अब इसे लाना संभव नहीं है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया है, लेकिन इस प्रक्रिया से जुड़े नियम और जरूरी शर्तें स्पष्ट रूप से सामने आ चुकी हैं। अब यह देखना होगा कि विपक्ष आगे किस रणनीति के तहत इस प्रस्ताव को लाता है या फिर इस मुद्दे को भविष्य के सत्र में उठाता है।