Teaser of Saako-363 : पर्यावरण, वृक्षों और जीव जंतुओं की रक्षा के लिए राजस्थान के बिश्नोई समाज की बहादुर महिला अमृता बिश्नोई के संघर्ष और सर्वोच्च बलिदान की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘साको 363’ का टीज़र रिलीज कर दिया गया है। रामरतन बिश्नोई और विक्रम बिश्नोई के द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमृता बिश्नोई का मुख्य किरदार खूबसूरत ऐक्ट्रेस स्नेहा उलाल ने निभाया है। इस फ़िल्म से स्नेहा उल्लाल लंबे समय के सिल्वर स्क्रीन पर वापसी भी कर रही हैं। फिल्म निर्माताओ के द्वारा राजस्थान के नागौर जिले में एक बड़े समारोह में बिश्नोई समाज के लोगों को यह टीजर दिखाया गया। यह भावुक पल था जिसमे बिश्नोई समाज के लोगों ने अपने पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान की कहानी देखी और उनको याद किया।
1 मिनट 30 सेकंड के टीजर में शुरुआत में ही बताया गया है कि फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। पर्यावरण, वृक्षों और जीव जंतुओं की रक्षा को अपना धर्म समझने वाले बिश्नोई समाज ने पेड़ों को काटने से बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था जिसका नेतृत्व बिश्नोई समाज की बहादुर स्त्री अमृता बिश्नोई ने किया था। टीजर में स्नेहा उलाल, अमृता बिश्नोई के किरदार में सशक्त और ओजस्वी दिख रही हैं। टीजर के अंत में महिलाओं और बच्चों की रोंगटे खड़े कर देने वाली चीख पुकार काफी मार्मिक और असहनीय है जो आज से 300 वर्ष पहले बिश्नोई समाज के 363 लोगों को पेड़ों की रक्षा करने के कारण कुल्हाड़ी काटे जाने कि दर्दनाक कहानी को दर्शाता है।
बिश्नोई समाज के लोग, जम्भेश्वर महाराज के 29 सिद्धांतों के अनुयायी हैं, जो प्रकृति और जीवों की सुरक्षा पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि पेड़ों को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान करना एक महान कार्य है, जैसा कि उनके गुरु ने कहा है, “अगर आपको एक पेड़ को बचाने के लिए अपना सिर काटना पड़ता है, तो यह एक सस्ता सौदा है।” साको अर्थात पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी मर्जी से सामूहिक बलिदान की यह सच्ची कहानी इस फिल्म के माध्यम से विश्व को पता चलेगी। यह फिल्म अगले वर्ष 28 फरवरी को देश भर में रिलीज की जाएगी।
इस अवसर पर रामरतन बिश्नोई और विक्रम विश्नोई ने कहाकि “पर्यावरण के प्रति बिश्नोई समाज के बलिदान की यह कहानी फ़िल्म के माध्यम से एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुचेगी यह अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है जो कम ही लोगों को पता है। इस फिल्म के माध्यम से पूरी दुनिया को पता चलेगा कि किस तरह क़रीब 300 वर्ष पहले हमारे समाज कि एक वीरांगना ने वृक्षों की रक्षा के लिए अपना सर कटा दिया था। इस फिल्म के माध्यम से आज के बच्चों और यंग जनरेशन को अपने पूर्वजों के पर्यावरण प्रेमी होने, उनके सर्वोच्च बलिदान के बारे में और अपने इतिहास के बारे में पता चलेगा।“ बिश्नोई समुदाय के 363 पर्यावरण प्रेमी इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं। मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंदजी महाराज, रामरतन बिश्नोई, रामलाल भादू और विक्रम बिश्नोई प्रमुख निर्माता है।
जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के बैनर तले निर्मित फ़िल्म साको 363 के निर्माता रामरतन बिश्नोई और विक्रम विश्नोई हैं और क्रिएटिव डायरेक्टर मनोज सती हैं। फिल्म में केंद्रीय भूमिका में स्नेहा उल्लाल के साथ गेवी चहल, मिलिंद गुणाजी, फिरोज ईरानी, ब्रिज गोपाल, राजेश सिंह, शाजी चौधरी, साहिल कोहली, नटवर पराशर, बृजगोपाल। गरिमा अग्रवाल मध्यप्रदेश, विमल उनियाल संजय गड़ई , तनुज भट्ट, अनामिका शुक्ला, बी.के सागर व्यास ,नटवर पाराशर ब्यावर, श्यामसुंदर, कमल अवस्थी, अजय गहलोत, सूर्यवीर सिंह, सूरज बिश्नोई प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। फिल्म २८ फरवरी को देश के सिनेमागृहों में रिलीज होगी।