नई दिल्ली : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लॉन्च होने के एक साल के अंदर ही सोलर इंस्टॉलेशन का आंकड़ा पिछले एक दशक के हुए कुल इंस्टॉलेशन के करीब पहुंच गया है। इस वर्ष फरवरी में शुरुआत के बाद से प्रधानमंत्री surya ghar free electricity scheme के तहत 685,763 इंस्टॉलेशन किए गए हैं, जो पहले ही एक दशक में स्थापित किए गए इंस्टॉलेशन का 86 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में सबसे ज्यादा मांग 3-5 किलोवॉट सेगमेंट की है, जो कुल इंस्टॉलेशन का 77 प्रतिशत है। वहीं, 14 प्रतिशत मांग 5 किलोवाट से ज्यादा के सेगमेंट की है। गुजरात में सबसे अधिक इंस्टॉलेशन हुए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल का स्थान है। इस पहल के तहत गुजरात में सबसे अधिक 2,86,545 सोलर इंस्टॉलेशन लगाए गए। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 1,26,344 और 53,423 सोलर इंस्टॉलेशन हुए हैं। सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1.45 करोड़ पंजीकरण हुए हैं। इस स्कीम का उद्देश्य मार्च 2027 तक एक करोड़ से ज्यादा घरों को सोलर पावर की आपूर्ति देना है।
1 करोड़ रूफटॉप सोलर पावर सिस्टम लगाने के उद्देश्य से किया था लॉन्च
इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वित्त वर्ष 2027 तक 75,021 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ आवासीय क्षेत्र में 1 करोड़ रूफटॉप सोलर पावर सिस्टम लगाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। फिलहाल, जिन राज्यों में इंस्टॉलेशन की संख्या बढ़ रही है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को जमीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में रूफटॉप सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही,इस योजना से लोगों की आय में वृद्धि, बिजली बिल में कमी और रोजगार सृजन हो रहा है। एक करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ, इस कार्यक्रम से सरकार को बिजली की लागत में सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की भी उम्मीद है। सरकार इस योजना के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे रिन्यूएनबल एनर्जी अधिक सस्ती और सुलभ हो जाती है।सरकार आरईसी, डिस्कॉम और विक्रेताओं सहित सभी पक्षकारों के साथ साझेदारी कर रही है, जिसका उद्देश्य योजना के सफल कार्यान्वयन के रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का समाधान करना है।