नई दिल्ली। राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के बीच हुए दोस्ताना क्रिकेट में राज्यसभा चेयरमैन इलेवन ने लोकसभा स्पीकर इलेवन को 73 रनों से हरा दिया है। टय़ूबरक्लोसिस (टीबी) के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दोनों सदन के सांसदों की इलेवन के बीच यह दोस्ताना क्रिकेट मैच नई दिल्ली के मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में राज्यसभा से किरन रिजिजू और लोकसभा से अनुराग ठाकुर अपनी टीमों की अगुवाई की। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने का अवॉर्ड दिया गया है। अनुराग ठाकुर को ही प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड भी दिया गया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मैच से पहले बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का एक लक्ष्य रखा है। दुनियाभर का लक्ष्य 2031 का है। टीबी के मामले में भारत दुनिया से बेहतर कर रहा है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टीबी आबादी भी भारत में ही है। अब इसका इलाज भी है और सरकार मुफ्त में दवाई भी देती है। 1,000 रुपये पोषण के लिए भी देती है और इसकी ट्रैकिंग भी की जाती है। हमारा प्रयास सांसदों के मैच करने के पीछे यह था कि आप ज़्यादा से ज़्यादा जागरूक हों और हम टीबी मुक्त भारत, जो लक्ष्य प्रधानमंत्री मोदी ने रखा है, उसको पूरा कर सकें।‘
#WATCH | Lok Sabha Speaker XI beat Rajya Sabha Chairman XI by 73 runs in the friendly cricket match of Parliamentarians to raise awareness about TB.
Lok Sabha Speaker XI beat Rajya Sabha Chairman XI by 73 runs. pic.twitter.com/Dvnxcq9lsb
— ANI (@ANI) December 15, 2024
वहीं, केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को गोल्डन डक अवॉर्ड दिया गया। राम मोहन नायडू ने मैच से पहले आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम लोग एक साथ आए हैं। टीवी को हराना हमारा लक्ष्य है और आज हम लोग यहां पर इकट्ठा हुए हैं। बहुत खुशी की बात है। बहुत अच्छी पहल की गई है। देश में टीबी के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है उसको और थोड़ा बल देने के लिए आज हमने यह क्रिकेट मैच रखा।‘
भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी को सुपर कैच अवार्ड दिया गया है। मनोज तिवारी ने आईएएनएस से बताया, ‘इस मैच के जरिए हम एक संदेश देना चाहते हैं कि हम सांसद टीबी जैसी बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मैदान पर भागेंगे, दौड़ेंगे और इस मैच को खेलेंगे। टीबी बहुत खतरनाक बीमारी है और थोड़ी सी सजगता से उसको हराया जा सकता है।‘