दमिश्क। युद्ध निगरानी सूत्रों ने बताया कि इजरायली युद्धक विमानों ने सीरिया के विभिन्न हिस्सों में पुराने सैन्य शस्त्रगारों पर कई हवाई हमले किए। ब्रिटेन के सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार को बताया कि हालिया हमलों में ज़ामा के पास बटालियन 107 के मिसाइल ठिकानों और ग्रामीण टार्टस में हथियारों के गोदामों को निशाना बनाया गया। इससे पहले रविवार शाम, एक इजरायली जेट ने पूर्वी सीरिया के दीर अल-ज़ौर सैन्य हवाई अड्डे पर रडार प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।
इससे पहले रविवार को, इजरायली विमानों ने ग्रामीण दमिश्क के पहाड़ों में बने पुराने युद्ध सामग्री के डिपो को निशाना बनाया, जिससे कई तेज़ धमाके हुए। किसी के घायल या मारे जाने की कोई खबर नहीं है। ये हमले इजरायल के चल रहे सैन्य अभियान का हिस्सा है, जो 8 दिसंबर को शुरू हुआ था। इस अभियान का उद्देश्य सीरिया के पूर्व नेतृत्व से जुड़ी बाकी सैन्य क्षमताओं को निशाना बनाना है, क्योंकि नए अधिकारी देश की सुरक्षा स्थिति को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इजरायली सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निगरानी किए जा रहे बफर जोन में प्रवेश किया, जो पिछले सप्ताहांत गोलान हाइट्स पर इजरायली और सीरियाई बलों को अलग करता है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह 1974 के युद्धविराम समझौते का उल्लंघन है।
यूनाइटेड किंगडम स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि इजरायल ने रात भर में पांच घंटे से भी कम समय में सीरियाई सैन्य ठिकानों पर 61 मिसाइलें दागीं। इस हमले में होम्स, डेरा, सुवेदा और दमिश्क के पास कलामौन पहाड़ों में सैन्य गोदामों को निशाना बनाया गया, साथ ही हामा हवाई अड्डे पर सुरक्षा से जुड़े हमले भी हुए। हयात तहरीर अल-शाम के नेता और सीरिया के नए प्रशासन के प्रमुख, अहमद अल-शरा ने कहा कि इजरायल अब सीरिया में अपने हालिया हमलों को सही नहीं ठहरा सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश फिलहाल एक नए संघर्ष में फंसना नहीं चाहता।
अल-शरा ने कहा, ‘इजरायलियों ने सीरिया में साफ तौर पर एक सीमा पार कर दी है, जिससे क्षेत्र में एक नई और गलत स्थिति बन सकती है।‘उन्होंने कहा कि इस उल्लंघन के बावजूद, ‘वर्षों के युद्ध और संघर्ष के बाद सीरिया की थकावट हमें नए संघर्षों में फंसे जाने की इजाजत नहीं देती। ‘उन्होंने कहा, ‘इस समय हमारी प्राथमिकता पुर्ननिर्माण और स्थिरता है।‘
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश को ‘सीरिया के साथ संघर्ष में कोई दिलचस्पी नहीं है। ‘उन्होंने कहा कि इजरायल की कार्रवाई का उद्देश्य ‘सीरिया से आने वाले संभावित खतरों को नाकाम करना और आतंकवादी तत्वों के हमारी सीमा पर कब्जा करने को रोकना था।‘
इस बीच, अमेरिका ने शनिवार को कहा कि उसने एचटीएस से संपर्क किया है। हालांकि अमेरिका ने 2018 में इस समूह को ‘आतंकवादी‘ घोषित किया था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम एचटीएस और अन्य पक्षों से संपर्क में हैं।‘ उन्होंने यह नहीं बताया कि यह संपर्क कैसे हुआ। ब्लिंकन और अरब देशों और तुर्की के अन्य राजनयिकों ने शनिवार को जॉर्डन के अकाबा में सीरिया पर बातचीत की।