Rajnath Singh : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत आधुनिक हथियारों और तकनीक के मामले में पीछे रह गया था, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह रक्षा क्षेत्र में ‘‘अभूतपूर्व’’ गति से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है। सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक युद्धकला तेजी से बदल रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय तकनीक अपनाए जाने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से बदलते समय के अनुरूप कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफशियल इंटेलिजेंस) और ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर पकड़ मजबूत करने का आह्वान किया तथा उनसे भारत की विरासत को कभी न भूलने का आग्रह किया। सिंह आईआईटी दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये विशिष्ट प्रौद्योगिकियां आने वाले समय में लगभग हर क्षेत्र को बड़े पैमाने पर प्रभावित करेंगी।
उन्होंने कहा, कि ‘अभी हम शुरुआती चरण में हैं। हमारा लक्ष्य सबसे पहले इन तकनीकों पर पकड़ मजबूत करना होना चाहिए, ताकि भविष्य में इनका उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जा सके और उनकी तत्काल बुनियादी आवशय़कताओं को पूरा किया जा सके।’’ सिंह ने कहा कि दुनिया निरंतर विकसित हो रही है और रक्षा क्षेत्र इस परिवर्तन से बचा नहीं रह सकता। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सिंह ने कहा कि पहले कुछ कारणों से भारत आधुनिक हथियारों और तकनीक के मामले में पीछे रह गया था, लेकिन जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, देश अभूतपूर्व गति से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ा है।
उन्होंने कहा, कि ‘आधुनिक युद्धकला में तेज गति से बदलाव हो रहा है, इसलिए उच्च तकनीक को अपनाने की जरूरत है। इस दिशा में हमने युवाओं की प्रतिभा को सामने लाने के लिए रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) और प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जिसके माध्यम से उनके साथ-साथ देश के सपने भी साकार हो सकते हैं।’’ सिंह ने कहा कि भारत एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है, क्योंकि वह उन हथियारों का भी निर्यात कर रहा है, जिनका वह कभी आयात करता था।
उन्होंने इस ‘‘क्रांतिकारी परिवर्तन’’ का श्रेय सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, शिक्षाविदों, इंजीनियरों और नवोन्मेषकों के सामूहिक प्रयासों को दिया और विश्वास जताया कि देश जल्द ही वैश्विक क्षेत्र में एक सशक्त तकनीकी बढ़त हासिल कर लेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश शीघ्र ही वैश्विक क्षेत्र में तकनीकी रूप से मजबूत बढ़त हासिल कर लेगा। रक्षा मंत्री ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से देश के वैज्ञानिक विकास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) की भूमिका की सराहना की। साथ ही उन्होंने उद्योग, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और शिक्षाविदों के बीच और भी बेहतर संबंध स्थापित करने का आह्वान किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि विकसित देशों में शैक्षणिक परिसर अग्रणी प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सिंह ने कहा, कि ‘भारत इस समय सबसे युवा देश है। हमारे युवाओं में नया करने का जुनून और क्षमता है। हमारी सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। हम उनके नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं और उनकी जरूरतों के हिसाब से उन्हें निधि उपलब्ध कराते हैं।’’ उन्होंने कहा, कि ‘भारत आज नवाचार और ‘स्टार्ट-अप’ का केंद्र बन गया है, जिसकी वजह से हम लगातार तकनीकी कौशल हासिल कर रहे हैं। हम हमेशा अपने इंजीनियरों और नवोन्मेषकों के साथ खड़े रहेंगे। हमारे संयुक्त प्रयासों से हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने सपने को साकार करेंगे।’’