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भारत में बढ़ा कोयला उत्पादन, निर्यात में आई कमी

नई दिल्ली : India में कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 3.1 प्रतिशत कम होकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 154.17 एमटी हो गया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार द्वारा दी गई। इसके अलावा नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (पावर के.

नई दिल्ली : India में कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 3.1 प्रतिशत कम होकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 154.17 एमटी हो गया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार द्वारा दी गई। इसके अलावा नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (पावर के अलावा अन्य) के कोयला आयात में इस साल अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत की गिरावट हुई है। विश्व स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार होने के बावजूद, भारत को कुछ प्रकार के कोयले, विशेष रूप से कोकिंग कोयले और उच्च श्रेणी के तापीय कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ता है, जो घरेलू स्नेतों से पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं। आपूर्ति में यह अंतर इस्पात उत्पादन सहित प्रमुख उद्योगों को बनाए रखने और बढ़ती ऊर्ज मांग को पूरा करने के लिए कोयले के आयात को अनिवार्य बनाता है।

बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में वृद्धि की वजह आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले की मांग है
कोयला मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण उद्देश्यों के लिए आयात किए गए कोयले में 19.5 प्रतिशत की कमी आई है। बयान में बताया गया है कि यह गिरावट कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में वृद्धि की वजह आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले की मांग है। इन संयंत्रों को केवल उच्च श्रेणी के आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है और इस अवधि के दौरान उनका आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 21.71 एमटी से बढ़कर 30.04 एमटी हो गया, जो 38.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान घरेलू कोयला उत्पादन 6.04 प्रतिशत बढ़कर 537.57 एमटी हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में यह 506.93 एमटी था।

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