सियोल: उत्तर कोरिया के क्रिप्टोकरेंसी चोरी के प्रयासों के खिलाफ दक्षिण कोरिया और अमेरिका संयुक्त रूप से अनुसंधान कर रहे हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। साइबर सुरक्षा उद्योग के अधिकारियों के अनुसार, दक्षिण कोरियाई सरकार और अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के बीच हाल ही में इस मामले में सहमति बनी है। दोनों पक्ष संयुक्त रूप से क्रिप्टोकरेंसी-लक्षित हमलों को रोकने के साथ चोरी की गई संपत्तियों को ट्रैक करने के लिए काम करेंगे।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी योजना एवं मूल्यांकन संस्थान के माध्यम से इस तरह के अनुसंधान को समर्थन देने की योजना बना रहा है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद बिटकॉइन की कीमत बढ़कर 100,000 डॉलर हो गई। इसके बाद हैकरों द्वारा संपत्तियों को चुराने का प्रयास किया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका साइबर सुरक्षा अनुसंधान के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करता है। डिजिटल परिसंपत्ति ट्रैकिंग प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान के लिए दक्षिण कोरिया को चुना है। क्योंकि उत्तर कोरिया को क्रिप्टोकरेंसी चोरी के प्रयासों को लेकर अपराधी के तौर पर देखा जाता है।
संयुक्त रुप से इस रिसर्च में कोरिया विश्वविद्यालय और रैंड कॉर्प अनुसंधान संस्थान सहित दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी शोधकर्ता, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से संपत्ति चुराने वाले हैकरों को रोकने और उन पर नजर रखने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
अग्रणी ब्लॉकचेन विश्लेषण फर्म चैनालिसिस के अनुसार, उत्तर कोरिया को क्रिप्टोकरेंसी चोरी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है, तथा देश से जुड़े हैकरों ने इस वर्ष 47 घटनाओं में 1.34 बिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुराई है।
वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) प्रमुख ने पिछले महीने कहा था कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी बाजार में अनुचित लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है।
एफएससी के अध्यक्ष किम ब्योंग-ह्वान ने कहा, “आभासी परिसंपत्तियों की कीमत हाल ही में बहुत ही कम समय में तेजी से बढ़ी है, और बाजार में भारी अस्थिरता के कारण सरकार को संभावित अनुचित लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है।”