बठिंडा (जोशी) : कई निजी अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों से रुपए लेने के मामले सामने आ रहे हैं। वे सर्जरी से पहले जांच में होने वाले खर्च का भुगतान मरीजों से करा रहे हैं, जबकि इस खर्च को भी पैकेज में शामिल करने का प्रावधान है। वहीं ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं, जहां शाम 4 बजे के बाद आयुष्मान मरीजों का पंजीकरण ही नहीं कर रहे हैं।
आयुष्मान योजना में यह भी प्रावधान है कि कहीं जाते वक्त अचानक तबीयत खराब हो गई और तत्काल जेब में कार्ड नहीं है तब भी योजना का लाभ मिल सकता है। बशर्ते बाद में परिजन द्वारा समय पर कार्ड उपलब्ध करा दें। योजना में 4 से 5 दिन बाद भी स्टेट मुख्यालय को रिपोर्ट भेजे जाने का विकल्प है। लेकिन निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों की सर्जरी प्लान करने के बाद डायग्नोसिस में होने वाले खर्च को पैकेज में शामिल करने बजाय शुरुआती जांच के नाम पर मरीजों से अलग से शुल्क वसूल किए जा रहे हैं।
इसी तरह जन्म लेने के बाद अगर नवजात शिशु का वजन कम व पीलिया जैसी बीमारी होने पर बच्चे को एसएनसीयू यानी स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में रखा जाता है। निजी अस्पतालों द्वारा एसएनसीयू की सुविधा के लिए परिजनों से प्रतिदिन 5 हजार रुपए वसूल किए जाते हैं।
अस्पताल आयुष्मान योजना में शामिल के बाद भी पोर्टल स्लो और कार्ड गलत बताकर परिजनों को परेशान किया जा रहा है। जबकि इस संबंध में परिजनों द्वारा समय-समय पर स्टेट शिकायत निवारण कमेटी के पास शिकायत भी किए जाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस संबंध में कार्यकारी सिविल सर्जन नवदीप सिंगला का कहना है कि मामले की जांच कर जरूरी हिदायतें जारी की जाएगी, वहीं गाइडलाइन के तहत बनती कार्रवाई भी की जाएगी।