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इंग्लैंड में ‘Emergency’ फिल्म पर खालिस्तानी समर्थकों का हंगामा, स्क्रीनिंग रोकी

खालिस्तानी समर्थकों ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश की। इससे सिनेमा हॉल में तनावपूर्ण माहौल बन गया।

बर्मिंघम: इंग्लैंड के बर्मिंघम में बॉलीवुड एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्टार सिटी व्यू सिनेमा हॉल में फिल्म दिखाई जा रही थी, तभी खालिस्तानी समर्थक वहां घुस आए और भारत के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान उन्होंने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। खालिस्तानी समर्थकों ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश की। इससे सिनेमा हॉल में तनावपूर्ण माहौल बन गया। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उनका विरोध किया और उन्हें वहां से जाना पड़ा।

दूसरी तरफ पंजाब में भी इस फिल्म का विरोध हो रहा है। 17 जनवरी को सिख संगठनों ने सिनेमा हॉल के बाहर प्रदर्शन किया। यह फिल्म पीवीआर ग्रुप के 70 से 80 सिनेमाघरों में दिखाई जानी थी, विरोध के बाद इन सिनेमाघरों में फिल्म नहीं दिखाई गई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म पर सिखों की छवि खराब करने और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है।

SGPC ने सीएम को पत्र लिखकर पंजाब में इस फिल्म पर रोक लगाने को कहा

करीब 4 दिन पहले एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फिल्म पर रोक लगाने को कहा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि पंजाब में ‘आपातकाल’ पर रोक लगाई जानी चाहिए। फिल्म में 1975 के आपातकाल के दौरान सिखों और उनके संघर्ष को जिस तरह दिखाया गया है, वह इतिहास से मेल नहीं खाता और सिखों की गलत छवि बना रहा है।

धामी का आरोप है कि फिल्म में सिखों के बलिदान और योगदान को नजरअंदाज किया गया है। उन्हें नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है। सिखों की भावनाओं का सम्मान करते हुए फिल्म की रिलीज को पंजाब में रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो सिख समुदाय में नाराजगी और गुस्सा पैदा होगा।

SGPC ने फिल्म के इन दृश्यों पर आपत्ति जताई

फिल्म में 1975-77 के दौरान इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए लगाए गए आपातकाल की घटनाओं को दिखाया गया है। खास तौर पर इसमें सिखों पर अत्याचार, स्वर्ण मंदिर पर सेना की कार्रवाई और अन्य घटनाओं को दिखाया गया है। एसजीपीसी का दावा है कि फिल्म में इन घटनाओं को गलत तरीके से पेश किया गया है।

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