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गोवंश ने की फसल बर्बाद तो किसान ने दुखी होकर फंदा लगाकर की आत्महत्या

यूपी: अमीपुर बालैनी गांव में अनुसूचित जाति के किसान जीतराम के खेत में खीरे और लौकी की फसल गोवंश ने बर्बाद कर दी। इससे दुखी होकर किसान ने घर जाकर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान ने केसीसी और कई बैंकों से कर्ज भी लिया हुआ था। अमीपुर बालैनी गांव निवासी रामकिशन ने बताया कि.

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यूपी: अमीपुर बालैनी गांव में अनुसूचित जाति के किसान जीतराम के खेत में खीरे और लौकी की फसल गोवंश ने बर्बाद कर दी। इससे दुखी होकर किसान ने घर जाकर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान ने केसीसी और कई बैंकों से कर्ज भी लिया हुआ था। अमीपुर बालैनी गांव निवासी रामकिशन ने बताया कि उसका भतीजा जीतराम अपनी छह बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी करता था। उसके खेत की जमीन रास्ते से काफी नीचे थी और पिछले दो साल से हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ते ही फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो जाती थी। लगातार दो साल फसल बर्बाद होने के कारण जीतराम कर्ज में डूब गया। इस कारण काफी समय से वह परेशान था। जीतराम ने कुछ दिन पहले खेत में खीरे और लौकी की फसल उगाई थी, मगर उसको बेसहारा पशुओं ने बर्बाद कर दिया। शुक्रवार शाम जीतराम खेत में गया तो वहां फसल की हालत देखकर वह परेशान हो गया। परिजनों के अनुसार इसका सदमा वह सह नहीं पाया और शुक्रवार रात उसने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

 

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