इंटरनेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने AI की अहमियत और इसके भविष्य के बारे में बात की। इसके अलावा, उन्होंने भारत द्वारा इस तकनीक को अपनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी और AI को लेकर फैलाए जा रहे डर को गलत ठहराया। प्रधानमंत्री इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें लगभग 100 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल थे।
AI की जरूरत और महत्व पर जोर
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने कहा कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हमारे जीवन को बदलने जा रही है और यह अन्य तकनीकों से अलग है। उन्होंने यह भी बताया कि AI समाज और सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है और यह हजारों जिंदगियों को बेहतर बना सकता है। उन्होंने इसके विकास की दिशा और जरूरतों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
AI से नौकरियां नहीं जाएंगी PM मोदी
प्रधानमंत्री ने इस डर को खारिज किया कि AI से नौकरियां खत्म हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि AI से नई नौकरियां पैदा होंगी और यह मानव सभ्यता के लिए एक नई दिशा निर्धारित कर रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि AI की ऊर्जा खपत और इसके प्रभाव पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि रोजगार संकट को संभाला जा सके।
#WATCH पेरिस में AI एक्शन शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं AI फाउंडेशन की स्थापना के निर्णय का स्वागत करता हूं… भारत को अगले AI शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में खुशी होगी…” pic.twitter.com/4fdjw30K87
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2025
गलत सूचना और डीपफेक को रोकने की आवश्यकता
पीएम मोदी ने सम्मेलन में कहा कि AI के जरिए गलत सूचना और डीपफेक (Deepfake) जैसी समस्याओं से निपटना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस विषय पर गहरी चर्चा की जरूरत बताई, ताकि इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
AI को लेकर भारत का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने भारत के AI मिशन को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत का AI मिशन सभी को साथ लेकर चलने का है और यह जनकल्याण के लिए बहुत कारगर साबित हो रहा है। भारत AI का उपयोग जनकल्याण के क्षेत्र में कर रहा है और यह तकनीक हर किसी के लाभ के लिए काम कर रही है।
वैश्विक मानकों की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि AI के विकास के साथ हमें वैश्विक मानकों की आवश्यकता है, ताकि इस तकनीक से जुड़ी समस्याओं से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। उन्होंने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के बारे में भी बात की, जिसे भारत ने 1.4 अरब लोगों के लिए कम लागत पर तैयार किया है।
डेटा गोपनीयता और तकनीकी कानूनी आधार
भारत ने AI को अपनाते हुए डेटा गोपनीयता और प्रौद्योगिकी-कानूनी आधार तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी विशेषज्ञता और अनुभव को अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि AI का भविष्य सभी के लिए फायदेमंद हो। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन यह दर्शाता है कि भारत AI के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इसे जनकल्याण के लिए प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, AI से जुड़े जोखिमों और मुद्दों को वैश्विक मानकों के तहत सुलझाने की आवश्यकता को भी प्रधानमंत्री ने प्रमुख रूप से उठाया।