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महाकुंभ भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं को दी गई जलांजलि

Died in Maha Kumbh Stampede : महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी। माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए साधु-संतों द्वारा जलांजलि और तिलांजलि दी गई। दरअसल, माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले मंगलवार को भारतवर्षीय धर्म संघ, स्वामी करपात्री.

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Died in Maha Kumbh Stampede : महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी। माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए साधु-संतों द्वारा जलांजलि और तिलांजलि दी गई। दरअसल, माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले मंगलवार को भारतवर्षीय धर्म संघ, स्वामी करपात्री फाउंडेशन, वैदिक कायाकल्प संस्थान द्वारा गंगा घाट पर पहुंचकर मंत्रोच्चारण किया गया। इस दौरान उन्होंने मौनी अमावस्या पर भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए तिलांजलि दी गई।

अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ के महंत गुण प्रकाश चैतन्य ने कहा, ‘देश में अनूठा कार्य आज से नहीं बल्कि अनादिकाल से चला आ रहा है। मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर जो घटना घटित हुई थी, उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए आज तिलांजलि दी गई है। आज के दिन चतुर्दशी और पूर्णिमा का पावन पर्व शुरू हुआ है, इसी वजह से उन दिवंगत आत्माओं को जलांजलि और तिलांजलि दी गई, ताकि मृत आत्माओं को मोक्ष मिल सके। हम यहां आने वाले लोगों से भी अपील करेंगे कि वह भी मृतकों को श्रद्धांजलि दें।‘

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ की घटना हुई थी। इस घटना में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे। बता दें कि मंगलवार को सुबह 8 बजे तक करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई, जिसके साथ ही महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ पार हो गई। अभी महाकुंभ को 15 दिन और दो महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष हैं। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50-55 करोड़ के ऊपर जा सकती है। ज्ञात हो कि महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। इसका समापन 26 फरवरी को होगा।

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