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महाकुंभ की भव्यता से दुनिया चकित : जगद्गुरु शंकराचार्य

गोरखपुर। श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ महासन्निधानम ने कहा कि हमारे लिए धर्म और देश दोनों दो आंखें होनी चाहिए क्योंकि दोनों का उद्देश्य समाज राष्ट्र और विश्व का कल्याण है इसलिए हमें ऐसे नेता चाहिए जो देश और धर्म दोनों की भलाई के लिए कार्य करें और इसे अपना.

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गोरखपुर। श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ महासन्निधानम ने कहा कि हमारे लिए धर्म और देश दोनों दो आंखें होनी चाहिए क्योंकि दोनों का उद्देश्य समाज राष्ट्र और विश्व का कल्याण है इसलिए हमें ऐसे नेता चाहिए जो देश और धर्म दोनों की भलाई के लिए कार्य करें और इसे अपना कर्तव्य समझे। जगदगुरू ने गोरखनाथ मंदिर में आज कहा कि धर्म और देश दोनों पर सामान चिंतन से ही श्रेया प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कसौटी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्म और देश को समान भाव से देखते हैं। दोनों की श्रद्धा धर्म देश के प्रति देखते ही बनती है। शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी उत्तर प्रदेश की भलाई के लिए लगातार प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने महाकुंभ में इतनी बड़ी व्यवस्था की है जिसकी प्रशंसा देश और विदेश के लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इसलिए नहीं कह रहे कि उन्हें महाकुंभ में अच्छी सुविधा प्राप्त हुई बल्कि जो भी भक्त या श्रद्धालु उनसे मिलने आए सबका यही अभिमत रहा है।

शंकराचार्य ने आशीर्वाद दिया और ईश्वर से यह भी प्रार्थना की कि योगी आदित्यनाथ को उनके सुव्यवस्थित शासन से निरंतर विशिष्ट स्थान प्राप्त होता रहे। जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने कहा कि देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनमें कुछ प्रतिभा तो है लेकिन जब उनकी प्रशंसा अधिक हो जाती है तो उन्हें लगने लगता है कि वह जो भी कहेंगे तो लोग उसे सुनते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग उन विषयों पर भी कुछ न कुछ बकवास करने लगते हैं जिनका उनसे कोई संबंध नहीं है। ऐसे लोगों के बकवास से सावधान रहना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि एक अंधा व्यक्ति बाकी अंधे व्यक्तियों को मार्ग दिखाएं यह संभव नहीं है।

सनातन धर्म के मर्म को समझाते हुए जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म अनादि काल से आचरण में रहने वाला धर्म है इसका आरंभ नहीं है और अंत भी नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि इसका अंत हो सकता है पर इस पर जवाब देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकिए भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इसे स्पष्ट कर दिया है कि जब.जब धर्म पर संकट आएगा तब तब ईश्वर अवतार लेकर इसकी रक्षा करेंगे।

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