तोक्यो: जापानी वाहन विनिर्माता कंपनियों होंडा, निसान और मित्सुबिशी ने अपने कारोबार के एकीकरण के लिए जारी बातचीत बंद करने की बृहस्पतिवार को घोषणा कर दी। निसान के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मकोतो उचिदा ने कहा कि बातचीत का मकसद संयुक्त ‘होल्डिंग’ कंपनी स्थापित करने से हटकर निसान को होंडा की अनुषंगी कंपनी बनाने पर केंद्रित हो गया था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इरादा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में जीतने के लिए सभी ताकतों को एक साथ लाने का था, लेकिन इससे निसान की क्षमता प्रर्दिशत नहीं होगी। इसलिए मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता था। उचिदा ने कहा कि अब होंडा के बिना ही निसान बदलाव के लक्षय़ से आगे बढ़ेगी। होंडा के मुख्य कार्यकारी तोशीहिरो मिबे ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा कि होंडा ने निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए शेयर अदला-बदली का सुझाव दिया था।
मिबे ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में इस नतीजे से निराश हूं। मुझे लगा था कि बहुत अच्छी संभावनाएं हैं लेकिन मुझे यह भी पता था कि इसे साकार करने के लिए ऐसे कदम उठाने जरूरी थे जो पीड़ा देंगे।’होंडा मोटर कंपनी और निसान मोटर कॉर्पोरेशन ने दिसंबर, 2024 में घोषणा की थी कि वे एक संयुक्त ‘होल्डिंग’ कंपनी स्थापित करने के लिए बातचीत करने जा रहे हैं। निसान की सहयोगी मित्सुबिशी मोटर्स कॉर्पोरेशन ने भी कहा था कि वह उस समूह में शामिल होने पर विचार कर रही है।
इस विचार ने शुरुआत से ही वाहन उद्योग के वेिषकों को उलझन में डाल दिया था कि बातचीत में शामिल किसी भी कंपनी को इस एकीकरण से किस तरह का फायदा होगा। होंडा और निसान ने शुरू में कहा था कि वे जून तक एक समझौते को अंतिम रूप देने और अगस्त तक ‘होल्डिंग’ कंपनी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, तीनों वाहन कंपनियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों और स्मार्ट कारों की दिशा में एक साथ काम करना जारी रखेंगी।