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Satyendra Jain की मानहानि के आरोप पर बांसुरी स्वराज के खिलाफ अदालत 20 फरवरी को लेगी संज्ञान

नेशनल डेस्क :  दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 फरवरी को जारी कर दिया गया है। बीजेपी ने 27 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। बता दें कि दिल्ली में 70 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज किया है। वहीं आप ने 22 सीटों पर फतह हासिल.

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नेशनल डेस्क :  दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 फरवरी को जारी कर दिया गया है। बीजेपी ने 27 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। बता दें कि दिल्ली में 70 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज किया है। वहीं आप ने 22 सीटों पर फतह हासिल की। वहीं अब आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन ने भाजपा नेता बांसुरी स्वराज के खिलाफ एक आरोप लगाया है कि बांसुरी स्वराज ने एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। वहीं अब 20 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत यह तय करेगी कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र जैन द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर की गई आपराधिक मानहानि की शिकायत पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।  आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

जैन का आरोप

आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन ने आरोप लगाया है कि 5 अक्टूबर 2023 को बांसुरी स्वराज ने एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। जैन का कहना है कि स्वराज ने झूठा दावा किया कि उनके घर से 1.8 किलोग्राम सोना, 133 सोने के सिक्के, और 3 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। जैन ने कहा कि स्वराज का यह बयान उन्हें बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के उद्देश्य से दिया गया था। सत्येंद्र जैन के अनुसार, स्वराज ने उन्हें “भ्रष्ट” और “धोखेबाज” कहकर उनकी और अधिक बदनामी की।

बांसुरी स्वराज की प्रतिक्रिया

वहीं, बांसुरी स्वराज ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन द्वारा दायर की गई मानहानि की शिकायत “राजनीति से प्रेरित” है। स्वराज के वकील ने अदालत में कहा कि इस मामले के तथ्यों को सार्वजनिक किया गया था, और इसे मानहानि के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता। वकील ने यह भी दावा किया कि यह मामला राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से दायर किया गया है, खासकर इस समय जब जैन चुनावी दौरे पर हैं।

जैन के वकील का जवाब

हालांकि, जैन के वकील ने स्वराज के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि स्वराज के बयान तथ्यों के विपरीत थे। उन्होंने दावा किया कि स्वराज के बयान से जैन की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हुआ है और यह बयान पूरी तरह से “झूठे” थे।

आगे की सुनवाई

अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद 22 जनवरी को इसे स्थगित कर दिया था और अब 20 फरवरी को यह तय किया जाएगा कि इस मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी या नहीं। इस बीच, दोनों पक्षों के वकीलों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। यह मामला अब राजनीति से जुड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत क्या फैसला लेती है।

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