नेशनल डेस्क : देश में जब भी चुनाव होते हैं, उम्मीदवार घर-घर जाकर लोगों से वोट मांगते हैं और वादा करते हैं कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे कई अच्छे काम करेंगे। चुनाव के दौरान वे बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और चाहते हैं कि किसी भी हालत में चुनाव जीत जाएं। आमतौर पर चुनाव जीतने के बाद भी यही होता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या वे वादों को पूरा करते हैं और जनता की सेवा करते हैं? देखा जाए तो कई बार ऐसा नहीं होता पर कुर्सी की चाहत बनी रहती है।
कर्नाटक विधानसभा का नया कदम
अब कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष ने इस तरह की एक दिलचस्प पहल की है। विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने विधायकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने विधानसभा में 15 रिक्लाइनर (आरामदायक सोफा) लगाने का फैसला लिया है। उनका उद्देश्य है कि विधायक दोपहर के भोजन के बाद आराम से इन रिक्लाइनरों में झपकी लें, ताकि वे ताजगी के साथ सत्र में लौट सकें और सत्र में उनकी उपस्थिति बढ़ सके।
विधायकों की उपस्थिति की समस्या
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अक्सर विधायकों की उपस्थिति दोपहर के बाद कम हो जाती है। वे भोजन के बाद विधानसभा छोड़ देते हैं और फिर वापस नहीं लौटते, जिससे सत्र में उपस्थिति कम हो जाती है। यह समस्या सुलझाने के लिए उन्होंने रिक्लाइनर लगाने का फैसला लिया, ताकि विधायक थोड़ा आराम करके सत्र में अधिक समय तक भाग ले सकें।
रिक्लाइनर किराए पर लेने का निर्णय
यहां तक कि रिक्लाइनर को खरीदने के बजाय किराए पर लेने का फैसला किया गया है, ताकि सत्र खत्म होने के बाद इन्हें बेकार न रखा जाए और अनावश्यक खर्च भी बच सके। इस फैसले से राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि पहले विधानसभा में मुफ्त नाश्ता और भोजन देने से भी विधायकों की उपस्थिति में सुधार हुआ था। पहले विधायकों को नाश्ते के लिए देर से आना पड़ता था या वे दोपहर के भोजन के बाद वापस नहीं लौटते थे, लेकिन अब इन सुविधाओं से यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है।
नए कदम से विधानसभा की कार्यप्रणाली में सुधार
यह कदम कर्नाटक विधानसभा में कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। यह न केवल विधायकों की उपस्थिति बढ़ाएगा, बल्कि सत्र की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। अब देखना यह है कि इस कदम के बाद विधानसभा में कितनी सकारात्मक बदलाव आते हैं और क्या अन्य राज्यों में भी इस तरह के उपाय अपनाए जाएंगे।