Baba Vishwanath Mandir Mahashivratri : वाराणसी में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। काशी विश्वनाथ मंदिर में 11.69 लाख से ज्यादा भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन किए और जलाभिषेक किया। पूरे मंदिर परिसर और कॉरिडोर में “हर-हर महादेव” के जयकारे गूंजते रहे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए। मंदिर प्रशासन ने दर्शन की समुचित व्यवस्था की और अधिकारियों ने समय-समय पर निगरानी रखी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
भोर से ही लगा श्रद्धालुओं का तांता
महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। भक्तजन पूरे श्रद्धा भाव से बाबा के दर्शन करने पहुंचे और जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की। दिन चढ़ने के साथ भीड़ और ज्यादा बढ़ती गई। सुबह 9 बजे तक ही करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर में बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके थे।
महाकुंभ के प्रभाव से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
महाकुंभ का प्रभाव होने के चलते फरवरी महीने में भी काशी विश्वनाथ धाम में रोज़ लाखों श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा था। कुछ विशेष तिथियों पर छह लाख से अधिक भक्त दर्शन के लिए आए, जबकि अन्य दिनों में भी चार से पांच लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे।
हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
प्रदेश सरकार के निर्देश पर इस बार महाशिवरात्रि को और भव्य बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कराई गई। जब श्री काशी विश्वनाथ धाम और गंगा घाटों पर फूलों की वर्षा हुई, तो भक्तों का उत्साह और अधिक बढ़ गया। यह अद्भुत नज़ारा श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।
अगले दिन भी जारी रहा दर्शन-पूजन
महाशिवरात्रि के अगले दिन यानी गुरुवार को भी भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ती रही। श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। पूरे काशी शहर में शिवभक्ति की धारा प्रवाहित होती रही और हर गली-मोहल्ले में शिव की आराधना होती रही। महाशिवरात्रि पर काशी में आस्था का ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने हर भक्त के दिल में भक्ति की भावना को और मजबूत कर दिया।