Gold Smuggling Case : कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) ने सोने की तस्करी मामले में गिरफ्तार हुई अभिनेत्री रान्या राव की कंपनी को 2023 में 12 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित की। जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिसके चलते फिर एक बार रान्या राव सवालों के घेरे में घिर गई है। आरोप लग रहे हैं कि यह जमीन प्रभावशाली राजनेताओं के दबाव में मंजूर की गई। रान्या राव, क्सिरोदा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निदेशक हैं, उनकी कंपनी को 2023 में टुमकुरु के पास शिरा औद्योगिक क्षेत्र में 12 एकड़ सरकारी जमीन दी गई थी। यह मंजूरी तब की सरकार के कार्यकाल में, 2 जनवरी 2023 को हुई, दस्तावेजों से पता चलता है कि 137वीं राज्य स्तरीय सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी (SLSWCC) की बैठक में जमीन आवंटन को मंजूरी दी गई थी।
प्रभावशाली राजनेताओं की मदद से यह जमीन मंजूर करवाई गई?
सूत्रों के अनुसार, बिना राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन के इतनी बड़ी सरकारी जमीन हासिल करना आसान नहीं होता। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रभावशाली राजनेताओं की मदद से यह जमीन मंजूर करवाई गई? कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड को दिए गए प्रस्ताव में कंपनी ने कहा था कि वह 138 करोड़ रुपये के निवेश से टीएमटी पट्टी, सरिया और सह-उत्पादों की उत्पादन इकाई लगाएगी, जिससे करीब 160 नौकरियां सृजित होंगी। इसी आधार पर जमीन आवंटित की गई थी।
जमीन आवंटन के दौरान राज्य में भाजपा की सरकार थी : KIADB
अब, जब अभिनेत्री रान्या राव सोने की तस्करी मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं, तो यह सवाल उठने लगे हैं कि इस जमीन आवंटन के पीछे किनका हाथ था? अब इस बात की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा है कि जब इस जमीन का आवंटन किया गया था उस समय राज्य में भाजपा की सरकार थी।
CBI कर रही मामले की जांच
चूंकि गोल्ड तस्करी मामले की जांच को CBI ने अब अपने हाथों में ले लिया है, ऐसे में अब देखना होगा कि इस मामले में सरकार और जांच एजेंसियां क्या कदम उठाती हैं। क्या जमीन आवंटन की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई थी, या यह सिर्फ एक संयोग है? सच्चाई से पर्दा जांच के बाद ही उठ पायेगा।