मोहाली: पंजाब के मोहाली स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने मंगलवार को साल 2019 में पंजाब में ड्रोन के जरिए विस्फोटक और हथियार गिराने के मामले में नौ आरोपियों को सजा सुनाई है। यह मामला आतंकवादी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा और रंजीत सिंह उर्फ नीता से जुड़ा हुआ था।
एनआईए कोर्टने इस मामले में 9 आरोपियों को आईपीसी, यूएपीए, श अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया। यह पूरा मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़ा हुआ था।
आरोपी आकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, बलबीर सिंह, हरभजन सिंह, मान सिंह, शुभदीप सिंह, साजनप्रीत सिंह, गुरदेव सिंह और रोमेंदीप सिंह को आरसी-21/2019/एनआईए/डीएलआई मामले में दोषी ठहराया गया। यह मामला अक्टूबर 2019 में अमृतसर पुलिस से एनआईए द्वारा लिया गया था। कोर्ट ने आकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह, मान सिंह और गुरदेव सिंह को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि शुभदीप सिंह, साजनप्रीत सिंह और रोमेंदीप सिंह को दस साल की कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
एनआईए की जांच के अनुसार, इन आरोपियों ने जर्मनी स्थित आतंकवादी बग्गा और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी नीटा द्वारा भारत में ड्रोन के जरिए भेजे गए बड़े पैमाने पर हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक, संचार उपकरण और नकली भारतीय मुद्रा को इकट्ठा करने, परिवहन और तस्करी करने में भूमिका निभाई थी। ये विस्फोटक और हथियार पंजाब के तरनतारन जिले में अगस्त और सितंबर 2019 के दौरान निर्दष्टि स्थानों पर ड्रोन से गिराए गए थे।
इस पूरी साजिश का उद्देश्य पंजाब में आतंकवादी हमले को अंजाम देना था, ताकि भारत के लोगों में आतंक का भय फैलाया जा सके और देश की शांति, सुरक्षा और एकता को विघटित किया जा सके। इसके बाद का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का था।