नई दिल्ली: केंद्रीय बैंकों और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की खरीद के कारण 2025 में सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वैल्थ रिपोर्ट में बताया कि भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतों में बढ़ौतरी होने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंकों की खरीद सोने की मार्कीट को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रिपोर्ट में कहा कि 2024 में सोना भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला एसेट क्लास था। इसने सालाना आधार पर 21 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
भारतीय बाजारों में सोने में मजबूत निवेश देखने को मिला है। 2024 में देश में गोल्ड ईटीएफ में 112 अरब रुपए का निवेश हुआ और गोल्ड होल्डिंग में 15 टन का इजाफा हुआ, जिसके कारण वर्ष के अंत में कुल गोल्ड होल्डिंग बढ़कर 57.8 टन हो गई है। रिपोर्ट में कहा कि रिटेल और संस्थागत निवेशकों दोनों से मजबूत मांग देखने को मिल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2024 में भी सोने की खरीद को जारी रखा। पिछले वर्ष केंद्रीय बैंक ने 72.6 टन सोना खरीदा, जिसके कारण देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876 टन हो गया है। ये लगातार 7वां वर्ष था, जब आरबीआई सोने का शुद्ध खरीदार रहा है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 10.6 प्रतिशत है। सोने की अधिक कीमतों का असर ज्वैलरी की मांग पर पड़ता है, जबकि गोल्ड बार और कॉइन में निवेश बढ़ रहा है। मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि 2024 में अधिक कीमतों के कारण मांग कम रही, लेकिन शादी सीजन में खरीदारी के कारण जनवरी के मध्य में धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ है। चांदी पर रिपोर्ट में कहा कि पिछले चार वर्षों में आपूर्ति में लगातार कमी रही है और मांग आपूर्ति से अधिक रही है, जिसके कारण चांदी की कीमतों को समर्थन मिला है।