कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को दिया जन्म

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ हफ्तों पहले एक अन्य चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए कहा, ‘कूनो के नए शावक! नामीबियाई.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ हफ्तों पहले एक अन्य चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए कहा, ‘कूनो के नए शावक! नामीबियाई चीता ज्वाला ने 3 शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ सप्ताह पहले नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया था।’

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले सभी वन्यजीव योद्धाओं और देशभर के वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत का वन्य जीवन समृद्ध हो।’ कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने 3 जनवरी को बताया था कि नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। ज्वाला (नामीबियाई नाम सियाया) ने पिछले साल मार्च में भी 4 शावकों को जन्म दिया था। हालांकि उनमें से केवल एक शावक ही जीवित बचा।

ज्वाला और आशा वे चीता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘प्रोजैक्ट चीता’ के तहत नामीबिया से भारत लाया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य स्वतंत्र भारत में विलुप्त हुई इस बड़ी मांसाहारी प्रजाति की संख्या में वृद्धि करना है। भारत में सितंबर 2022 को 8 चीतों का पहला बैच लाया गया था। पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा बैच लाया गया था। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से सात की मौत होने पर चीता संरक्षण परियोजना की तीखी आलोचना की गई थी।

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