दुनिया का सबसे छोटा खरगोश जो सिर्फ इन जगहों पर जाता है पाया, छोटा ही नहीं रंग भी है अलग

कुदरत का हर जीव अपनी ही पहचान से जाना जाता हैं, कुछ जीव ऐसे भी होता हैं जिन्हे हमने न ही कभी देखा और न ही नूनके बारे में सुना होता हैं। लेकिन कई प्रकार के जीव हमारी प्रकृति में पाए जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे खरगोश के बारे में जानकारी देंगे जो.

कुदरत का हर जीव अपनी ही पहचान से जाना जाता हैं, कुछ जीव ऐसे भी होता हैं जिन्हे हमने न ही कभी देखा और न ही नूनके बारे में सुना होता हैं। लेकिन कई प्रकार के जीव हमारी प्रकृति में पाए जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे खरगोश के बारे में जानकारी देंगे जो है तो खरगोश लेकिन बाकियों से अलग और छोटा। दुनिया में एक खरगोश ऐसा भी है जो इतना छोटा है कि इंसान की हथेली में आ जाता है।

बता दें इसे दुनिया का सबसे छोटा खरगोश माना जाता है। जानकारी के मुताबिक कोलंबिया बेसिन पिग्मी खरगोश को दुनिया का सबसे छोटा खरगोश होने का दर्जा प्राप्त है। यही वजह है कि इस प्रजाति को भी बेहद दुर्लभ माना जाता है और यह दुनिया में किसी एक खास जगह पर ही पाई जाती है। ये केवल वाशिंगटन राज्य क्षेत्र के एक हिस्से में पाए जाते हैं। इनका वजन केवल 500 ग्राम तक होता है, जबकि ये 23.5 सेंटीमीटर से लेकर 29.5 सेंटीमीटर तक के होते हैं। उन्हें घरेलू खरगोश समझने की गलती न करें। आमतौर पर लोग घरों में जो खरगोश पालते हैं, वे छोटे और कोमल होते हैं, लेकिन यह जंगली प्रजाति के होते हैं, इसलिए इन्हें घरों में नहीं रखा जा सकता है। वे बहुत नर्वस या बहुत उत्साहित लगते हैं। लेकिन बड़ा कारण यह है कि वे इतने दुर्लभ हैं और विलुप्त होने के कगार पर हैं कि उन्हें पालतू जानवर के रूप में नहीं रखा जाता है।

इसके साथ ही आपको बता दें इस नस्ल को साल 2001 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन इससे पहले करीब 14 खरगोशों को प्रजनन के लिए एक खास जगह पर रखा गया था। वैज्ञानिकों ने बाद में पता लगाया कि अंतःप्रजनन छोटी आबादी में काम नहीं करता है, उन्हें बड़ी आबादी की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि सबसे शुद्ध नर की मृत्यु 2006 में हुई और शेष नर शुद्ध प्रजनन के बाद 2008 में मर गए। इनके साथ ही इस नस्ल का शुद्ध डीएनए भी नष्ट हो गया है, लेकिन वैज्ञानिक क्रॉस ब्रीडिंग कर इन्हें संरक्षित करने की कोशिश करते रहते हैं।

 

 

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