Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

चीन की ‘EV colony’ न बने भारत, इलैक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को स्वाभाविक रूप से बढ़ने दिया जाए: जीटीआरआई

नई दिल्ली: सरकार को घरेलू इलैक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र को प्रोत्साहनों पर निर्भरता के बिना स्वाभाविक रूप से बढऩे देना चाहिए क्योंकि इससे देश चीन के लिए ‘ईवी कॉलोनी’ बनने से बच जाएगा। आíथक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने शुक्रवार को यह बात कही। इसमें कहा गया है कि भारत को बड़े पैमाने पर ईवी को अपनाने में ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका सामना अन्य देशों को नहीं करना पड़ रहा है।

जीटीआरआई ने कहा कि इन चुनौतियों में कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न 80 प्रतिशत बिजली, बार-बार बिजली कटौती और देश में बैटरी और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे ईवी बनाने के लिए जरूरी घटकों के लिए आयात पर निर्भरता शामिल है। जीटीआरआई ने कहा, ‘‘इन चुनौतियों पर विचार करते हुए भारी प्रोत्साहनों के साथ मैदान में उतरने या चीनी आयात पर निर्भर होने के बजाय भारत के पास अपने ईवी क्षेत्र को स्वाभाविक रूप से विकसित होने देने का अवसर है।

बाजार की ताकतों को क्षेत्र की वृद्धि को आगे बढ़ाने की अनुमति देकर, भारत चीन के लिए ‘ईवी कॉलोनी’ बनने से बच सकता है और वैश्विक ईवी परिदृशय़ में अपना रास्ता बना सकता है।’’ शोध संस्थान ने कहा कि वैश्विक ईवी बाजार में भूचाल आ रहा है, जिसकी वजह अमेरिका, यूरोपीय संघ और कनाडा द्वारा चीन से ईवी और उसके पुजर्ाें के आयात पर उच्च शुल्क और प्रतिबंध लगाना है। ये क्षेत्र चीन के वैश्विक ईवी निर्यात का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं और एक रणनीतिक मोड़ में, चीन अपना उत्पादन आसियान देशों में स्थानांतरित कर रहा है और भारत पर अपनी नज़रें जमा रहा है।

Exit mobile version