ऊना (राजीव भनोट) : हिमाचल-पंजाब की सीमा पर जेजाें में हुए हादसे में मारे गए 8 लोगों के शव आज देहलां लोअर और भटोली लाए गए। सभी का मंगलवार को सतलुज दरिया से सटे भभौर साहिब के शमशान घाट पर एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से पांच मृतक देहलां लोअर के एक ही परिवार के हैं, जबकि तीन मृतक भटोली गांव के हैं। इनोवा गाड़ी का चालक भी देहलां लोअर का था, जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया हैं।
सभी 9 शवों का पंजाब के होशियारपुर स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ है। फिर पंजाब पुलिस शवों को सगे-संबंधियों के सुपुर्द किया गया। इसके बाद ही शव देहलां लोअर और भटोली गांव लाया गया। ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा होशियपुर साथ रहे। घर पर जरूरी रस्मों के बाद देहलां लोअर के सुरजीत कुमार सहित पांच सदस्यों के शव अंतिम संस्कार के लिए भभौर साहिब लाए गए। भटोली में सुरिंद्र कौर की दो बेटियों और एक बेटे का अंतिम संस्कार भी भभौर साहिब में किया गया। इसके अलावा इनोवा गाड़ी के चालक का अंतिम संस्कार भी भभौर साहिब में किया गया।
सर्च अभियान जारी
वहीं, देहलां लोअर के सरूप चंद और भटोली की सुरिंदर कौर उर्फ सिन्नो का शव अभी बरामद नहीं हुआ है। देहलां अपर के प्रधान राजिंदर पाल ने बताया कि सुबह 6 बजे से दोनों के शव तलाशने के लिए जेजों में सर्च अभियान चल रहा है।
बता दें कि बीते रविवार की सुबह करीब 8 बजे देहलां लोअर से चालक समेत 12 लोग इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर में साले की बेटी की शादी के लिए गए थे। लेकिन जेजों नाले में आए उफान में उनकी इनोवा गाड़ी फंस गई। जिससे 12 लोग इनोवा सहित बह गए। इनमें से दीपक कुमार का स्थानीय लोगों ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।
इन लाेगाें ने गवाई जान
इस हादसे में सुरजीत कुमार पुत्र गुरदास राम, परमजीत कौर पत्नी सुरजीत कुमार, गगन कुमार पुत्र सुरजीत कुमार, सरूप चंद पुत्र गुरदास राम, पलविंदर कौर पत्नी सरूप चंद, नितिन पुत्र सरूप चंद (सभी देहलां लोअर निवासी) सुरिंद्र कौर उर्फ सिन्नो पत्नी अमरीक सिंह, अमानत पुत्री अमरीक सिंह, भावना पुत्री अमरीक सिंह व हर्षित पुत्र अमरीक सिंह (सभी भटोली निवासी) के रहने वाले थे। इनावो गाड़ी का चालक कुलविंद्र सिंह पुत्र हुकम सिंह देहलां लोअर का था।
तीनों थी सगी बहनें
इस हादसे में तीन सगी बहनों की मौत हुई है। जिनमें परमजीत कौर, पलविंदर कौर और सुरिंदर कौर उर्फ सिन्नो शामिल हैं। परमजीत कौर व पलविंदर कौर की दो सगे भाइयों सुरजीत कुमार और सरूप चंद के साथ शादी हुई थी। जबकि तीसरी बहन सुरिंदर कौर उर्फ सिन्नो का भटोली में सुसराल था। सुरिंदर कौर का अभी शव रिकवर नहीं हुआ है।
प्रवीण ने बचाई कुलदीप की जान
जिस वक्त जेजाें में हादसा हुआ, तब प्रवीण सोनी वहां मौजूद थे। जिन्होंने इनोवा से बहे कुलदीप कुमार की जान बचाई। प्रवीण ने कहा कि यदि इनोवा की चालक ने उनकी बात मानी होती तो हादसा नहीं होता। हमने उसे रोका भी, लेकिन उसने रिस्क लेकर खुद और दूसरों की जान गवाई।