नेशनल डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए अगली बड़ी चुनौती पंजाब में अपनी सत्ता को बनाए रखना है। इस चुनौती का सामना करने के लिए, केजरीवाल ने आज दिल्ली कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य पंजाब की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना और पार्टी के संगठन को फिर से सक्रिय करना था। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा, पंजाब आम आदमी पार्टी के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने भी हिस्सा लिया। साथ ही, पंजाब आप संगठन के मंत्री भी बैठक में शामिल थे। इसके साथ ही इस बैठक में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी नेता राघव चड्ढा भी शामिल हुए थे। वहीं इस बैठक के समाप्त होन के बाद केजरीवाल कपूरथला हाउस के रवाना हो गए।
#WATCH | Delhi: AAP National Convenor Arvind Kejriwal leaves from Kapurthala House after chairing a meeting with Punjab CM and MLAs. pic.twitter.com/bdd55l6bfz
— ANI (@ANI) February 11, 2025
पंजाब इकाई में बढ़ती कलह
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद पंजाब इकाई में अंदरूनी कलह बढ़ गई है। पंजाब के कई नेता और पार्टी कार्यकर्ता इस हार के कारण असंतुष्ट हैं। इससे पार्टी के अंदर विवाद पैदा हो गया है और इसे सुलझाने के लिए केजरीवाल ने यह बैठक बुलाई थी।
बीजेपी और कांग्रेस का आरोप
बीजेपी और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पद से हटाना चाहते हैं। पार्टी के अंदर चल रहे इस विवाद को लेकर इन दोनों विपक्षी दलों ने अपना रुख स्पष्ट किया है। वहीं पार्टी के सूत्रों के अनुसार, यह बैठक पंजाब के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के साथ दिल्ली विधानसभा में चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि किस प्रकार पंजाब में पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।
पंजाब में विरोध और विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
पंजाब में इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद विपक्षी दलों ने आप पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है। वहीं, विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि 30 से ज्यादा पंजाब विधानसभा के विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। बता दें कि पंजाब में सोमवार को कैबिनेट बैठक होनी थी, जिसमें बजट सत्र की तारीखें तय की जानी थीं। लेकिन दिल्ली से बुलाए जाने के कारण इस बैठक को स्थगित कर दिया गया। पंजाब में पिछले पांच महीनों से कोई कैबिनेट बैठक आयोजित नहीं हुई है, जिससे पार्टी के भीतर और भी असंतोष पैदा हुआ है।
पंजाब को मॉडल स्टेट बनाएंगे
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने दिल्ली में बहुत अच्छे से चुनाव लड़ा और वहां पर भी पार्टी ने सकारात्मक काम किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब में बहुत सारे काम किए हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हमेशा काम के नाम पर जानी जाती है। वह विश्वास जताते हैं कि पंजाब को देश के लिए एक आदर्श राज्य (मॉडल स्टेट) बनाया जाएगा।
#WATCH | Delhi: After meeting AAP National Convenor Arvind Kejriwal, Punjab CM Bhagwant Mann says, “… Arvind Kejriwal thanked the MLAs for their work in the Delhi elections… Punjab government is working for the welfare of the people… Even today, the people of Delhi say that… pic.twitter.com/TFcUlBeYgE
— ANI (@ANI) February 11, 2025
नौकरियों का बड़ा वादा
भगवंत मान ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पिछले तीन सालों में 50,000 से ज्यादा नौकरियां दी हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना था कि आने वाले समय में भी पंजाब की सरकार युवाओं के लिए रोजगार के और अवसर सुनिश्चित करेगी। इसके मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य पंजाब को एक शानदार और प्रगतिशील राज्य बनाना है, जो न केवल राज्यवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बने।
अमन अरोड़ा की प्रतिक्रिया
पंजाब के आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल बार-बार पंजाब के विधायकों, मंत्रियों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। अमन अरोड़ा ने यह भी कहा कि पंजाब के विधायकों ने दिल्ली में बहुत मेहनत की है और शायद यही कारण है कि केजरीवाल उनसे मिलना चाहते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को झटका
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा था। भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। वहीं, 2020 के चुनाव में आप को 62 सीटें मिली थीं। इस जीत के साथ ही बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापस आई है।